
नई दिल्ली। श्रीखाटू श्याम रसोई चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा खंडित व क्षतिग्रस्त मूर्तियों के सम्मानजनक संग्रहण और विधिवत संस्कार के उद्देश्य से विशेष खंडित मूर्ति सेवा रथ का आज शुभारंभ किया गया। यह पहल न केवल धार्मिक परंपराओं के सम्मान को बल देती है, बल्कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जनजागरण का महत्वपूर्ण संदेश भी देती है। लोकार्पण समारोह में महा मंडलेश्वर राजेश्वर ओझा, पंडित सुनील ओझा, दयालु महाराज, अमित कुमार शर्मा (आईआरएस), निगम पार्षद मुकेश गोयल, अनिल वशिष्ठ, जय भगवान गोयल, बसंत गोयल आदि आयोजक निर्मल गुप्ता, दिनेश गुप्ता, मोंटू अग्रवाल सहित अन्य संतजनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने बताया कि खंडित मूर्तियों का विधि-विधान से संस्कार करना हिंदू धर्म की परंपरा और संस्कृति का सम्मान है। अक्सर लोग पुरानी या टूट चुकी मूर्तियों को घरों, नालों या सार्वजनिक स्थानों पर छोड़ देते हैं, जिससे धार्मिक भावनाएँ आहत होती हैं। इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचता है।
संतजनों ने विशेष रूप से इस बात पर चिंता जताई है कि पॉप(प्लास्टर ऑफ पेरिस) और रासायनिक रंगों से बनी मूर्तियाँ नदियों और तालाबों में गंभीर जल-प्रदूषण का कारण बनती हैं। ऐसे में पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है, उन्होंने अवगत कराया है कि यह सेवा रथ बहुत जल्द ही दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पहुंचेगा, जिससे लोगों को जागरूक किया जाएगा, ताकि खंडित मूर्तियों का संग्रहण सम्मानपूर्वक किया जाएगा।
इस रथ में मूर्तियों के सुरक्षित संग्रहण की व्यवस्था है, ताकि ट्रस्ट द्वारा उनका धर्मसम्मत संस्कार किया जाएगा। इस पहल को धार्मिक एवं पर्यावरण प्रेमियों ने सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि इससे न केवल धार्मिक मान्यताओं का संरक्षण होगा, बल्कि स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में भी बड़ा योगदान मिलेगा।














