
करौली : अंता विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद कांग्रेस नेता नरेश मीणा एक बार फिर कानूनी मुश्किलों में घिर गए हैं। सपोटरा थाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ कथित अभद्र और भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में 23 नवंबर को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह शिकायत भाजपा जिला विधि प्रकोष्ठ के सह-संयोजक विकास सिंह ने दर्ज कराई है।
इक्कीस नवंबर को करौली जिले के सपोटरा उपखंड की ग्राम पंचायत जोड़ली में डूंगरी बांध और सीपीसी लिंक योजना के विरोध में बुलाई गई महापंचायत आयोजित हुई थी। हजारों ग्रामीण इस महापंचायत में शामिल हुए। ग्रामीणों को आशंका है कि प्रस्तावित बांध से कई गांव और खेती योग्य भूमि डूब क्षेत्र में आ सकती है।
महापंचायत में नरेश मीणा सहित कई नेता मंच पर मौजूद थे। इसी दौरान मीणा के वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें कथित तौर पर उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। वीडियो सामने आने के बाद मामला गरमा गया और राजनीतिक विवाद तेज हो गया।
महापंचायत के मंच से नरेश मीणा ने घोषणा की थी कि यदि एक दिसंबर तक मुख्यमंत्री से वार्ता सकारात्मक परिणाम नहीं देती है तो 10 दिसंबर से उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। ग्रामीणों ने भी आंदोलन की तैयारी तेज कर दी है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मीणा ने संवैधानिक पदों पर बैठे नेताओं के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जिससे उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा और पद की मर्यादा का उल्लंघन हुआ। एफआईआर के साथ ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। टोंक जिले के देवली-उनियारा में एसडीएम के साथ कथित थप्पड़ कांड में मीणा लंबे समय तक जेल में रह चुके हैं।
पिछले सितंबर में झालावाड़ अस्पताल में विरोध प्रदर्शन के दौरान स्टाफ से कथित हाथापाई के मामले में भी उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में वे लगभग एक माह 10 दिन जेल में रहे थे।
लगातार कानूनी विवादों ने नरेश मीणा की राजनीतिक यात्रा को घेरा हुआ है, वहीं डूंगरी बांध विरोध से जुड़ा यह ताजा मामला उनके लिए और बड़ी चुनौती लेकर आया है।










