
Moradabad : सदर थाना कोतवाली क्षेत्र का बुध बाजार इन दिनों एक गंभीर और चौंकाने वाले विवाद का केंद्र बना हुआ है सत्ताधारी पार्टी के महानगर अध्यक्ष गिरीश भडुला पर अपने पद की जालसाजी कर बैनरों में स्वयं को जिला अध्यक्ष बताने का बड़ा मामला सामने आया है यह मामला इतना बढ़ गया है कि क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और पार्टी की आंतरिक अनुशासन व्यवस्था पर भी उंगलियां उठने लगी हैं।स्थानीय लोगों के अनुसार बुध बाजार चौकी से कुछ ही कदमों की दूरी पर लगे बैनरों और पानी की टंकी पर लगाए गए बड़े-बड़े होर्डिंग्स में गिरीश भडुला के नाम के नीचे स्पष्ट रूप से जिला अध्यक्ष लिखा नजर आ रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान जिला अध्यक्ष आकाश पाल हैं ऐसे में महानगर अध्यक्ष द्वारा अपने पद को बदलकर जिला अध्यक्ष प्रदर्शित करना लोगों को चौंका रहा है राजनीतिक गलियारों में हलचल अनुशासनहीनता या सोची-समझी रणनीति?
यह मामला सामने आने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी देखने को मिल रही है कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह का कदम पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला अनुशासनहीन और भ्रामक है। राजनीतिक विशेषज्ञ यह सवाल उठा रहे हैं कि
क्या यह सिर्फ लापरवाही है?या फिर शक्ति प्रदर्शन और प्रभाव बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया जानबूझकर किया गया प्रयास?स्थानीय जगह बैनर इतने बड़े और प्रमुख स्थानों पर लगाए गए हैं कि यह कहना मुश्किल है कि यह अनजाने में हुआ कई सूत्रों ने नागरिकों ने इस घटना को खुली राजनीतिक धांधलेबाज़ी बताते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की है पुलिस चौकी से कुछ कदम की दूरी पर बैनर नजर क्यों नहीं पड़ी?सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि ये बैनर पुलिस चौकी से बिल्कुल पास लगे हुए हैंbऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इस पर नहीं पड़ी?
या फिर किसी कारणवश इसे अनदेखा किया गया?यह पहलू भी मामले को और संवेदनशील और संदिग्ध बना देता है।
पार्टी पर बढ़ा दबाव कब होगी कार्रवाई?अब इस पूरे विवाद ने सत्ताधारी पार्टी के सामने कड़ी परीक्षा की स्थिति पैदा कर दी है आम जनता के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की निगाहें पार्टी नेतृत्व पर टिकी हैं कि
क्या इस तरह के पद बदलकर किए जा रहे कथित छल पर कार्रवाई होगी?क्या पार्टी भीतर से इस मामले की जांच कराएगी?या यह मामला फिर किसी राजनीतिक समझौते में दबकर रह जाएगा?फिलहाल यह खबर मुरादाबाद में गंभीर राजनीतिक भूचाल की तरह फैल चुकी है लोग खुले तौर पर कह रहे हैं
कि यदि पदों को बदलकर खुद को बड़ा दिखाने की ऐसी प्रथाओं पर रोक नहीं लगी तो इससे राजनीति में अराजकता और अविश्वास और बढ़ेगा अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि आखिर इस कथित पद बदलकर प्रभाव जमाने की कोशिश पर कब और कैसी कार्रवाई होती है।












