
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया है। सोमवार देर रात कोलकाता स्थित मुख्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय के बाहर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने दोनों दलों के समर्थकों को रोकने के लिए कड़ी बैरिकेडिंग कर क्षेत्र को घेर लिया।
दक्षिणी कोलकाता भाजपा जिलाध्यक्ष तमोघना घोष ने टीएमसी पर आरोप लगाया कि उसने एसआईआर प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए “गुंडे भेजे” हैं। प्रदर्शन के दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ मौजूद रही, जो नारेबाजी करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग कर रही थी।
प्रदर्शनकारियों में कई शिक्षक भी शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि वे बीएलओ के समर्थन में आए हैं, क्योंकि उन पर बढ़ता कामकाज असहनीय होता जा रहा है। कई ने चेतावनी दी कि जब तक निर्वाचन अधिकारी उनसे बातचीत नहीं करेंगे, प्रदर्शन जारी रहेगा।
दिन में भी बीएलओ ने सीईओ कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। 4 नवंबर को गणना चरण शुरू होने के बाद बढ़ते दबाव के चलते बीएलओ के बीमार पड़ने और कम से कम तीन मौतों की खबरों ने हालात को और गंभीर बना दिया है। अधिकारियों के अनुसार, इनमें दो मौतें आत्महत्या और एक अप्राकृतिक कारणों से हुई है।












