अयोध्या : तीन परत वाले कपड़े से बने राम ध्वज में हैं तीन चिन्ह, जानिए किसके हैं प्रतीक…

उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में आज, 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी के पावन अवसर पर अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर केसरिया रंग का धर्म ध्वज फहराया जा रहा है। यह समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है, जो राम मंदिर के पूर्ण निर्माण का प्रतीक है।

राम मंदिर पर लहराएगा स्वदेशी केसरिया ध्वज: त्रेता युग के प्रतीकों से सजा

विवाह पंचमी के शुभ मुहूर्त में अयोध्या का राम मंदिर एक नया इतिहास रच रहा है। मंदिर के 161 फीट ऊँचे शिखर पर 30 फीट के ध्वजदंड के सहारे कुल 191 फीट की ऊँचाई पर केसरिया रंग का भव्य धर्म ध्वज फहराया जा रहा है। यह ध्वज न केवल भगवान राम के सूर्यवंश की महिमा का प्रतीक है, बल्कि स्वदेशी शिल्पकला और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है।

राम ध्वज की खास बातें…

  • रंग और महत्व: केसरिया रंग, जो त्याग, बलिदान, वीरता और भक्ति का प्रतीक है। यह रघुवंश का पारंपरिक रंग माना जाता है, जो ज्वाला, प्रकाश और सत्य की विजय को दर्शाता है।
  • आयाम: ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट (कुछ स्रोतों में ऊँचाई-चौड़ाई के रूप में उल्लेख, लेकिन मानक आयाम यही हैं)। कुल वजन लगभग 4 किलोग्राम।
  • सामग्री: तीन-परत वाले शुद्ध सिल्क (या विशेष पैराशूट फैब्रिक रेशमी धागों से) के कपड़े से निर्मित। यह तेज हवा, वर्षा और सूर्य की किरणों को सहन करने में सक्षम है। हर हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी और हाथ से बुना गया है—छह कारीगरों ने अयोध्या में इसे तैयार किया।

राम ध्वज में बने तीन चिन्ह किसके प्रतीक?

ध्वज पर तीन पवित्र चिन्ह शिल्पकारी से उकेरे गए हैं…

  • सूर्य: भगवान राम के सूर्यवंश का प्रतीक, जो शौर्य, तेज और पराक्रम की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। वाल्मीकि रामायण में इसका बार-बार उल्लेख है।
  • ऊं (ॐ): परमात्मा का प्रथम अक्षर, जो चेतना, शाश्वत सत्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है।
  • कोविदार वृक्ष: त्रेता युग का राजवंशीय चिह्न, जो पारिजात और मंदार वृक्षों के संयोग से उत्पन्न पवित्र वृक्ष है। रामायण के अयोध्या कांड में इसका जिक्र है—जब भरत की सेना राम से मिलने आई, तो उनके ध्वज पर यही वृक्ष था। यह पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह ध्वज सूर्य भगवान का प्रतीक है और मंदिर की भव्यता को नई ऊँचाई देगा। समारोह में पीएम मोदी बटन दबाकर ध्वज फहराएंगे, उसके बाद रामलला के दर्शन होंगे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं, और लाखों भक्त आस्था के इस पर्व में शामिल हो रहे हैं।

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