अमेरिका अनुसंधान में करेगा कृत्रिम मेधा का प्रयोग, मुस्लिम ब्रदरहुड पर कसेगा शिकंजा, ट्रंप ने किए दो कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को दो कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। एक का मकसद देश में होने वाले विभिन्न तरह के अनुसंधान में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल करना है। दूसरे का मकसद मुस्लिम ब्रदरहुड पर शिकंजा कसना है। सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

रिपोर्ट के अनुसार, कृतिम मेधा के माध्यम से वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रम में तेजी लाई जाएगी। इसके लिए ऊर्जा विभाग और उसकी राष्ट्रीय प्रयोगशाला को सुपर कंप्यूटर्स का इस्तेमाल करके एक इंटीग्रेटेड एआई प्लेटफॉर्म बनाने का निर्देश दिया गया है। व्हाइट हाउस इस परियोजना को जेनेसिस मिशन का नाम दिया है।

व्हाइट हाउस को उम्मीद है कि इससे चिकित्सा विज्ञान को बड़ा फायदा होगा। बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी। व्हाइट हाउस के अधिकारियों का मानना है कि इसमें प्राइवेट सेक्टर का भी सहयोग लिया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल यह साफ नहीं कि मिशन को फंड कहां से मिलेगा।

इसके अलावा राष्ट्रपति ने मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े संगठनों को आतंकवादी समूह घोषित करने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। ट्रंप ने कार्यकारी आदेश में मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े कुछ मिडिल ईस्ट के संगठनों को आतंकवादी ग्रुप घोषित करने पर विचार करने को कहा है। उन्होंने विदेशमंत्री मार्को रुबियो और वित्तमंत्री स्कॉट बेसेंट को 30 दिन में रिपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया है। इसके बाद इस रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए 45 दिन का समय तय किया है।

उन्होंने प्रशासन को यह विचार करने का निर्देश दिया कि क्या मिस्र, लेबनान, जॉर्डन या कहीं और मुस्लिम ब्रदरहुड के चैप्टर को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए। कार्यकारी आदेश में दावा किया गया कि तीनों देशों के मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े संगठन हिंसा और अस्थिरता फैलाने वाले अभियान में शामिल हैं या उन्हें बढ़ावा देते हैं और उनका समर्थन करते हैं। सनद रहे मुस्लिम ब्रदरहुड अंतरराष्ट्रीय इस्लामी संगठन है। इसकी स्थापना 1928 में मिस्र में हसन अल-बन्ना ने की थी।

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