दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब, अगले कुछ दिन तक राहत की संभावना नहीं

New Delhi : दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार चिंताजनक स्तर पर बनी हुई है। पिछले 24 घंटों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) औसतन 382 दर्ज किया गया, जो हवा की बेहद खराब श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राजधानी में दोपहर दो बजे पीएम-10 का स्तर 341.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम2.5 का स्तर 201 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकार्ड किया गया।

एनसीआर में नोएडा का एक्यूआई 397, गाजियाबाद का 396, ग्रेटर नोएडा का 382 और गुरुग्राम का 286 रहा। फरीदाबाद में एक्यूआई 296 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। दिल्ली के 38 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 19 पर हवा गंभीर श्रेणी में रही और बाकी केंद्रों पर एक्यूआई 300 के आसपास दर्ज हुआ। सीपीसीबी ने बताया कि हवा की यह स्थिति बेहद खराब श्रेणी में है और बुधवार तक इससे राहत मिलने की संभावना नहीं है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर के प्रदूषण में सांस, आंख और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के मरीजों को अधिक परेशानी हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से लगभग 10 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। अधिकतम मिश्रण गहराई 1500 मीटर और वेंटिलेशन इंडेक्स 6000 मीटर वर्ग सेकंड रहा, जो प्रदूषकों के फैलाव के लिए अपर्याप्त माना जा रहा है।

सीपीसीबी के मानदंडों के अनुसार, एक्यूआई 0 से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।उल्लेखनीय है कि दिल्ली के कुल वायु प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 20.45 फीसदी है। पराली जलाने से 1.97 फीसदी, निर्माण और ध्वंस गतिविधियों से 3.10 फीसदी तथा आवासीय क्षेत्रों से 5.30 फीसदी योगदान है।-

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