
Delhi : पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारी प्रदूषण के मुद्दे पर इंडिया गेट पहुंचे थे, लेकिन अचानक उन्होंने नक्सलियों के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि प्रदर्शन के दौरान नक्सल समर्थक नारे क्यों लगाए गए, इसकी जांच के लिए आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट पर हुए इस प्रदर्शन के मामले में छह लोगों को सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में दो एफआईआर दर्ज की हैं—एक कर्तव्यपथ थाने में और दूसरी पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में।
पुलिस ने अदालत को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर चिली पाउडर का इस्तेमाल किया। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान इस तरह के खतरनाक पदार्थ का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है। सुनवाई के दौरान पुलिस ने प्रदर्शन का वीडियो कोर्ट में भी दिखाया।
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी पूरी तैयारी के साथ आए थे। उन्हें चार बार रोकने के बावजूद उन्होंने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और नक्सलियों के समर्थन में नारे लगाए। सवाल उठाया गया कि जब प्रदर्शन प्रदूषण के मुद्दे पर था तो नक्सल संबंधित नारे क्यों लगाए गए।
पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपियों को हिरासत मिलने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि उनकी नक्सलियों से कोई कड़ी है या नहीं। पुलिस का कहना है कि पूछताछ निष्पक्ष रूप से होगी और किसी तरह की मारपीट की संभावना नहीं है। फिलहाल जांच शुरुआती चरण में है।
आरोपियों के वकील ने कोर्ट में कहा कि सभी बच्चे पढ़े-लिखे हैं और उन्होंने प्रदूषण को जल, जंगल और जमीन के मुद्दों से जोड़कर अपनी अभिव्यक्ति दर्ज कराई है। उन्होंने सवाल उठाया कि उनके मुवक्किलों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है। वकील के अनुसार एफआईआर में कहीं भी नक्सलवाद या उससे संबंधित आरोप का उल्लेख नहीं है।













