
- नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटें, हम उनके साथ न्याय करेंगे : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
Jagdalpur : कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के मारे जाने के बाद संगठन में बड़ी हलचल देखी जा रही है। बिखरते नक्सली संगठन के बीच पहली बार एमएमसी जोन ने हथियार छोड़ने की इच्छा जताते हुए तीन राज्यों की सरकारों से 15 फरवरी, 2026 तक थोड़ा संयम बरतें और अपने सुरक्षा बलों के अभियान को रोकें।
केंद्र सरकार के नक्सल उन्मूलन अभियान को बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। नक्सली संगठन भी अब यह स्वीकार करने लगे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा और ताजा घटनाक्रम इसी दिशा में मजबूत संकेत दे रहा है। माओवादी संगठन एमएमसी जोन (महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी) ने पहली बार हथियार छोड़ने की इच्छा जताई है। साथ ही पीएलजीए सप्ताह के दौरान सुरक्षाबलाें के ऑपरेशन रोकने की अपील की है। प्रवक्ता ने यह भी कहा है कि वे इस बार पीएलजीए सप्ताह नहीं मनाएंगे।
वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल्ली दाैरे से पहले साेमवार काे माना एयरपाेर्ट पर पत्रकाराें से कहा कि नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटें, हम उनके साथ न्याय करेंगे।
उल्लेखनीय है कि, केंद्रीय कमेटी के सदस्य व पोलित ब्यूरो मेंबर कॉमरेड सोनू दादा ने महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम 22 नवंबर काे एक विज्ञप्ति जारी किया है, इस नक्सली पर्चे की पुष्टि हिन्दुस्थान समाचार नहीं करता है। यह विज्ञप्ति नक्सल प्रवक्ता व महाराष्ट्र, एमपी व छत्तीसगढ़ के जोनल प्रवक्ता अनंत ने जारी किया था। इस विज्ञप्ति में देश-दुनिया की बदलती परिस्थितियों का मूल्यांकन करते हुए सशस्त्र संघर्ष को अस्थाई रूप से विराम देने का निर्णय लिया है, सीसीएम सतीश व एक अन्य कामरेड चंद्रन्ना ने भी इस निर्णय का समर्थन किया है। उन्होंने सरकार के पुनर्वास और पूनामार्गेम योजना को स्वीकार किया है।

जारी बयान में इन कामरेड ने तीनों राज्य की सरकारों से अनुरोध किया है कि सरकार हमें 15 फरवरी, 2026 तक का वक्त दे। इतना वक्त मांगने के पीछे हमारा कोई दूसरा छुपा उद्देश्य नहीं है, चूंकि हमारे पास एक-दूसरे को फटाफट कम्युनिकेट करने के कोई दूसरे सरल माध्यम नहीं होते हैं, सो इतना वक्त लगेगा। सरकार ने माओवाद समाप्ति की जो डेडलाइन (मार्च 31, 2026) तय की है, उसके दायरे के भीतर ही है। तब तक हम, तीनों राज्य की सरकारों से यह अनुरोध करते हैं कि वे थोड़ा संयम बरतें और अपने सुरक्षा बलों के अभियान को रोकें। नक्सल प्रवक्ता व महाराष्ट्र, एमपी व छत्तीसगढ़ के जोनल प्रवक्ता अनंत ने कहा है कि हम इस बार पीएलजीए सप्ताह भी नहीं मनाएंगे।










