
Mumbai : बॉलीवुड के महान अभिनेता धर्मेंद्र का 89 साल की उम्र में सोमवार दोपहर निधन हो गया। उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार विले पार्ले श्मशान भूमि में किया गया, जहां सलमान खान, संजय दत्त, अमिताभ बच्चन और आमिर खान सहित कई दिग्गज कलाकार श्रद्धांजलि देने पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी धर्मेंद्र के निधन को एक युग का अंत बताया। हालांकि आधिकारिक पुष्टि परिवार की ओर से देर तक नहीं की गई थी। दोपहर में उनके घर के बाहर एम्बुलेंस देखे जाने और श्मशान घाट पर सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद उनके पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस के जरिए अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
धर्मेंद्र पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। 10 नवंबर को सांस लेने में दिक्कत होने पर उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। इस दौरान मीडिया में उनके निधन की अफवाहें भी फैलीं, जिसे परिवार ने खारिज किया। 12 नवंबर को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था और डॉक्टरों ने घर पर ही इलाज जारी रखने की सलाह दी थी।
कैसे बने ‘ही-मैन’?
धर्मेंद्र को बॉलीवुड का ‘ही-मैन’ कहा जाता है और इसकी शुरुआत 1966 में रिलीज हुई फिल्म फूल और पत्थर से हुई। इस फिल्म में उनके एक शर्टलेस सीन ने उन्हें लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। उनकी दमदार बॉडी, एक्शन सीन्स और करिश्माई स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें हिंदी फिल्मों का सबसे बड़ा एक्शन हीरो बना दिया। मैग्जीनों और मीडिया में लगातार उनकी तस्वीरें छपने लगीं और जल्द ही ‘ही-मैन’ उनका स्थायी टैग बन गया।
फिल्मों के साथ संघर्ष की कहानी भी
फूल और पत्थर की सफलता ने जहां धर्मेंद्र की जिंदगी बदल दी, वहीं संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उनका एक दिलचस्प किस्सा भी जुड़ा है। सफलता मिलने के बाद उन्होंने फिएट कार खरीदी थी। भाई के बेहतर कार लेने के सुझाव पर धर्मेंद्र ने कहा था
“इस इंडस्ट्री का भरोसा नहीं, अगर काम नहीं मिला तो फिएट को टैक्सी बनाकर चला लूंगा, फिर स्ट्रगल कर लेंगे।”
हालांकि वह दिन कभी नहीं आया। धर्मेंद्र लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और करोड़ों दिलों पर राज करते रहे।
छह दशक लंबा शानदार सफर
धर्मेंद्र ने छह दशक से ज्यादा समय फिल्म इंडस्ट्री में बिताए। एक्शन, रोमांस और कॉमेडी—हर शैली में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 2012 में पद्म भूषण, 2004 में भारतीय सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ योगदान पुरस्कार और 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
धर्मेंद्र के निधन से पूरे बॉलीवुड और देश में शोक की लहर है। उनका योगदान और उनसे जुड़ी यादें प्रशंसकों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी।















