
Lucknow : एसजीपीजीआई में टाइप 1 डायबिटीज सपोर्ट ग्रुप कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बता दें कि भारत में लगभग दस लाख लोग टाइप 1 डायबिटीज़ के साथ जी रहे हैं। यह संख्या अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी है। इनमें से लगभग 3 लाख लोग 20 वर्ष से कम आयु के हैं। भारत दुनिया में टाइप 1 डायबिटीज़ वाले सबसे अधिक युवा लोगों का घर है, और हम हर वर्ष लगभग 35,000 बच्चों और किशोरों को इस संख्या में जोड़ रहे हैं। टाइप 1 डायबिटीज़ वाले बच्चे और किशोर समय पर निदान, उचित डायबिटीज़ शिक्षा और पीयर ग्रुप सपोर्ट के साथ संतोषजनक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
पीयर ग्रुप सपोर्ट को टाइप 1 डायबिटीज़ परिवारों का जीवन आसान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण माना गया है। एंडोक्राइनोलॉजी और पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी विभाग हर साल इन परिवारों को जोड़ने के लिए एक सपोर्ट ग्रुप कार्यक्रम आयोजित करते हैं। टाइप 1 डायबिटीज़ से युक्त लगभग 50 परिवार और कुल 200 लोग इसमें शामिल हुए। टाइप 1 डायबिटीज़ को प्रबंधित करने में सही शिक्षा का कितना महत्व है, इस विषय पर डायबिटीज़ नर्स एजुकेटर्स, डॉक्टरों और विभाग के स्टाफ ने एक नाटक प्रस्तुत किया।
प्रोफेसर प्रीति दबडगांव, प्रोफेसर वी. भाटिया ने बच्चों और परिवारों से बात की, ताकि उन्हें प्रेरित किया जा सके। उन्होंने जोर दिया कि नियमित इंसुलिन उपचार और ब्लड शुगर की जाँच डायबिटीज के प्रबंधन के मूल आधार हैं, और परिवारों को टाइप 1 डायबिटीज़ के बारे में गलत जानकारी का शिकार नहीं होना चाहिए।










