
Ranchi, Jharkhand : 19 सितंबर 1990 को रांची में जन्मे मनीष कुमार आज एक सफल बैंकर, प्रेरणादायक लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। पिता अरबिंद सिन्हा और माता रीता सिन्हा ने उन्हें अनुशासन, करुणा और समाज के प्रति जिम्मेदारी जैसे मूल्यों से बचपन से ही परिचित कराया, जिसने आगे चलकर उनके व्यक्तित्व को मजबूत आधार प्रदान किया। वर्तमान में मनीष स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं और अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं।
मनीष ने रांची के प्रतिष्ठित St. Xavier’s College से बी.कॉम की शिक्षा प्राप्त की। व्यस्त कार्य-जीवन के बावजूद वह सदा वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखते हैं और समाज सेवा को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। हर वर्ष वे अपना जन्मदिन एक अनाथालय में मनाते हैं। उनके शब्दों में—
“यदि मैं हर साल सिर्फ एक व्यक्ति को भी प्रेरित कर सकूं, तो वही मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
शिक्षा और बैंकिंग के अलावा मनीष एक राष्ट्रीय स्तर के शतरंज खिलाड़ी भी हैं और जिला, राज्य तथा राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनकी गहरी सोच और अनुभव उनके लेखन में भी स्पष्ट रूप से झलकते हैं।
19 सितंबर 2025 को प्रकाशित उनकी नवीनतम पुस्तक ‘VIRA’ युवाओं में आत्मविश्वास, साहस और सकारात्मकता को प्रेरित करने वाला महत्वपूर्ण साहित्य माना जा रहा है। ‘VIRA’ का शाब्दिक अर्थ भले ही “साहसी” हो, लेकिन मनीष के लिए इसका अर्थ और भी विशेष है—यह शब्द उनके माता-पिता (V – Rita, A – Arbind) के नामों के शुरुआती अक्षरों का संयोजन है। उनकी अगली पुस्तक “4 Factors” भी जल्द ही पाठकों के बीच आने वाली है, जबकि VIRA का हिंदी संस्करण प्रकाशन के अंतिम चरण में है।
सामाजिक कार्य और साहित्यिक उपलब्धियों के लिए मनीष को कई सम्मान मिले हैं, जिनमें India’s Golden Star Icon Award 2025 विशेष उल्लेखनीय है। आगामी 14 दिसंबर 2025 को उन्हें प्रतिष्ठित Pride of India Award से भी सम्मानित किया जाएगा।















