
- दिबियापुर के निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत
- अस्पताल संचालक और स्टाफ फरार, परिजनों ने लगाया गंभीर लापरवाही का आरोप
Auraiya : उत्तर प्रदेश के औरैया जनपद के दिबियापुर नगर में स्थित एक निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान हुई जच्चा-बच्चा की मौत से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। घटना बीती रात की है, जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक अस्पताल का संचालक और पूरा स्टाफ परिसर से फरार हो चुका था। पुलिस ने एक अस्पताल कर्मी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
मृतका की पहचान दिबियापुर के आजाद नगर कलेक्ट्री रोड निवासी 24 वर्षीय प्रीति देवी पत्नी अनिल बाल्मीकि के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार अनिल अपनी पत्नी का इलाज नगर के विकास कुंज स्थित इसी निजी अस्पताल में करवा रहे थे। शनिवार देर रात प्रसव पीड़ा तेज होने पर उन्होंने प्रीति को अस्पताल में भर्ती कराया। प्रसव के दौरान एक मृत बच्ची का जन्म हुआ। परिजनों का कहना है कि मृत बच्ची की जानकारी उन्हें अल्ट्रासाउंड में पहले ही मिल गई थी, इसके बावजूद अस्पताल स्टाफ ने महिला को भर्ती कर लिया और पूरा जोखिम उठाया।
परिजनों के अनुसार प्रसव के बाद प्रीति को एक इंजेक्शन लगाया गया, जिसके बाद उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। आरोप यह भी है कि अस्पताल में न तो उचित सुविधाएं थीं और न ही ऑक्सीजन का प्रबंध, जिससे प्रीति तड़पती रही और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। प्रीति की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया और उन्होंने स्टाफ पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
सूचना पर दिबियापुर और फफूंद थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाकर शांत कराया। पुलिस ने जच्चा-बच्चा दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दिबियापुर कोतवाली प्रभारी रुद्र प्रताप नारायण त्रिपाठी ने बताया कि परिजनों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही घटना की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी भेज दी गई है।










