
Gauriphanta Khiri : इंडो–नेपाल बॉर्डर गौरीफंटा से लेकर पलिया नगर,चंदन चौकी और संपूर्णानगर मार्ग पर दौड़ रही प्राइवेट बसें यात्रियों की सुरक्षा को खुलेआम ठेंगा दिखा रही हैं। नेपाल और भारत के बीच रोज़ाना हजारों यात्री आवागमन करते हैं लेकिन इन बसों में सुरक्षित सफर करना अब एक जोखिम भरा दांव बन चुका है।
यात्रियों को ढोने के नाम पर प्राइवेट बसें इन दिनों मानो मालवाहक वाहनों में तब्दील हो चुकी हैं। बस संचालक भूसे की तरह सवारियां ठूंसकर क्षमता से कई गुना अधिक यात्री भर रहे हैं। न सीटों की संख्या का ध्यान, न बस की निर्धारित भार सीमा ऐसे में सफर कर रहे यात्रियों की जान पर हर पल खतरा मंडरा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक बस में यात्री दरवाज़ों और सीढ़ियों तक लटके हुए थे। हैरानी की बात यह रही कि उसी समय परिवहन विभाग का वाहन भी पास ही खड़ा था लेकिन किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं—
“जब सब कुछ अधिकारियों की आंखों के सामने हो रहा है, तो कार्रवाई क्यों नहीं? क्या नियम-कानून सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित हैं?” सूत्रों के अनुसार कई प्राइवेट बसें बिना फिटनेस,बिना मान्य परमिट और बिना आवश्यक सुरक्षा उपकरणों के ही संचालित हो रही हैं।
ओवरलोडिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं,बसों में फर्स्ट ऐड किट तक उपलब्ध नहीं,आपातकालीन सुरक्षा व्यवस्था नदारद तथा निरीक्षण के नाम पर विभाग की सिर्फ खानापूर्ति होती है,इस गंभीर मामले पर जब परिवहन विभाग लखीमपुर खीरी के अधिकारी कौशलेंद्र यादव से संपर्क किया गया तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कोई संतुष्टि भरा जवाब न देकर केवल इतना कहा कि “मुझे बस कल भर का समय दे दीजिए।” और कॉल काट दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक विभाग कड़े कदम नहीं उठाएगा, तब तक यात्रियों की जान से ऐसा खिलवाड़ जारी रहेगा। अब देखना यह है कि विभाग कार्रवाई करता है या फिर ये अवैध और ओवरलोड बसें यूँ ही सड़कों पर दौड़ती रहेंगी।
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