
भास्कर ब्यूरो
- ग्राम वासियों ने कहा कि अगर चकबंदी प्रकिया नहीं रूकी तों होगा आन्दोलन
Kannauj : ग्राम जलालाबाद के किसानों ने चकबंदी प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2016–17 में गांव का चयन चकबंदी के लिए किया गया था, लेकिन आठ साल बीत जाने के बाद भी न तो रिकॉर्ड पूरा हुआ और न ही किसानों को कोई लाभ मिल सका।
किसानों का आरोप है कि मात्र ₹3.50 की उद्धरण खतौनी के नाम पर ₹100 से ₹200 तक वसूले जा रहे हैं, वहीं पक्की नकल पर ₹300 से ₹500 तक वसूलने की शिकायतें भी सामने आई हैं। समय पर खतौनी न मिलने से किसान परेशान हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी भूमि पहले से ही छोटे रकबों में दर्ज है और सड़क व आबादी के पास होने के कारण बेहद कीमती है। लेकिन चकबंदी विभाग की ओर से नंबरों में फेरबदल और मनमानी वसूली का दबाव बनाया जा रहा है। विरोध करने पर मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती है।
किसानों ने आशंका जताई कि जमीनों को इधर-उधर करने पर आपसी विवाद बढ़ेंगे और किसी भी समय अप्रिय घटना हो सकती है।
उनका कहना है कि चकबंदी से न तो अब तक कोई फायदा हुआ और न भविष्य में होने की उम्मीद है। उल्टे छोटे रकबे और काटकर और छोटे कर दिए जाएंगे। कास्तकारों ने प्रशासन से मांग की है कि चकबंदी प्रक्रिया तुरंत बंद कर गांव का रिकॉर्ड पूर्व की तरह तहसील स्तर पर दर्ज किया जाए, ताकि किसान शोषण और विवादों से बच सकें।











