इंदौर में बढ़ते सड़क हादसों पर हाई कोर्ट सख्त, ट्रैफिक पुलिस को फटकार

इंदौर : शहर में बढ़ते सड़क हादसों पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़े सवाल उठाए हैं। एयरपोर्ट रोड पर दो महीने पहले हुए भीषण हादसे—जिसमें एक अनियंत्रित ट्रक ने कई वाहनों को टक्कर मार दी थी, दो लोगों की मौत और 13 के गंभीर रूप से घायल होने के बाद—दायर याचिका पर इंदौर खंडपीठ में सुनवाई जारी है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने बताया कि ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई चल रही है, लेकिन चीफ जस्टिस संजीव सचदेव और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने इस कार्रवाई की शैली पर गंभीर आपत्ति जताई। अदालत ने टिप्पणी की कि “पहले आपकी पुलिस नियम तुड़वाती है और बाद में चालानी कार्रवाई करती है।” कोर्ट ने यह भी कहा कि इंदौर में पुलिसकर्मी पेड़ों के पीछे खड़े होकर सिर्फ चालान काटने में जुटे रहते हैं, जबकि मुंबई जैसे शहरों में ट्रैफिक पुलिस चौराहों पर मौजूद रहकर प्रत्यक्ष नियंत्रण करती है।

हाई कोर्ट ने चालान लक्ष्य (टारगेट) की प्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वर्ष के अंत में लक्ष्य पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर चालानी कार्रवाई की जाती है। अदालत ने कलेक्टर, कमिश्नर और आरटीओ के पूर्व योजनाओं की खामियों पर भी आपत्ति जताई।

शहर में भारी वाहनों के अवैध प्रवेश, ड्रिंक एंड ड्राइव के बढ़ते मामलों और पुलिस की कार्रवाई पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। इस पर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि शहरी क्षेत्र में भारी वाहनों पर रोक लागू है तथा केवल आवश्यक सामग्री लाने वाले वाहनों को ही अनुमति दी जा रही है। ट्रैफिक सुधार के लिए वालंटियरों की भी मदद ली जा रही है।

27 नवंबर को अगली सुनवाई में सभी संबंधित विभागों को अब तक उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी।

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