
लखनऊ के ऐतिहासिक चारबाग रेलवे स्टेशन पर गुरुवार सुबह सैकड़ों कुलियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय कुली मोर्चा के बैनर-पोस्टर लेकर प्लेटफॉर्म नंबर-1 के बाहर जमा कुलियों ने अपनी कई पुरानी मांगों को दोहराया। प्रदर्शन की वजह से स्टेशन परिसर में कुछ देर अफरा-तफरी का माहौल रहा, हालांकि रेलवे पुलिस ने स्थिति को काबू में कर लिया।
कुलियों की मुख्य मांगें
कुली भाइयों का कहना है कि 2008 में रेलवे ने कुलियों को स्थायी कर्मचारी बनाने का वादा किया था, लेकिन आज तक अमल नहीं हुआ। वे रेलवे कर्मचारी का दर्जा, पेंशन और अन्य सुविधाएं चाहते हैं।दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक और बीमार यात्रियों के लिए शुरू की गई बैटरी कारें अब मनमाने ढंग से चलाई जा रही हैं। कुलियों का आरोप है कि ठेका कंपनी इन गाड़ियों से यात्रियों से 50 रुपये और लगेज के लिए 30 रुपये वसूल रही है, जबकि यह सुविधा मुफ्त या न्यूनतम शुल्क पर होनी चाहिए।
बैटरी कारों की मनमानी से कुलियों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है, क्योंकि पहले यात्री कुलियों से ही सामान ढोने का काम करवाते थे। प्रदर्शनकारी कुली नेता रामलखन यादव ने मीडिया से कहा, “हमारी कमाई छीन ली गई है। बैटरी कार वाले मनमाने पैसे वसूल रहे हैं। दिव्यांग और बुजुर्गों के नाम पर प्राइवेट ठेकेदार मुनाफा कमा रहे हैं। रेलवे हमारी अनदेखी कर रहा है। जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, प्रदर्शन जारी रहेगा।”
चारबाग स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बैटरी कारें दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क हैं, लेकिन सामान ढोने के लिए न्यूनतम शुल्क निर्धारित है। कुलियों की नौकरी और सुविधाओं को लेकर मामला रेल मंत्रालय के पास विचाराधीन है। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और यात्री सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा।
राष्ट्रीय कुली मोर्चा ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द मांगें पूरी नहीं हुईं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। फिलहाल प्रदर्शन समाप्त हो गया है, लेकिन कुली भाई अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
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