
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। एक कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई और एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद दिल्ली लाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के तुरंत बाद एनआईए ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस अदालत में पेश किया जाएगा। आरोपी अनमोल बिश्नोई पर कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप है। उसे महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता माना गया है।
बता दें कि बाबा सिद्दीकी की हत्या 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई में उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर कर दी गई थी। इसके अलावा उस पर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में हमलावरों को लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने और अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर हुई गोलीबारी की साजिश रचने का भी गंभीर आरोप है। अनमोल बिश्नोई 2022 से भारत से फरार था। माना जाता है कि वह कनाडा और अमेरिका में रहकर फर्जी रूसी पासपोर्ट की मदद से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के आतंकवादी-गैंगस्टर सिंडिकेट को विदेश से चला रहा था। वह जबरन वसूली, हथियारों की तस्करी और टारगेट किलिंग जैसी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल था। एनआईए ने उस पर 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया हुआ था।
अमेरिकी अधिकारियों द्वारा उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाना व आतंकवादियों, गैंगस्टरों और हथियार तस्करों के गठजोड़ को तोड़ने की दिशा में भारतीय जांच एजेंसियों की विशेष रूप से एनआईए के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता है। बता दें कि दिल्ली लाए जाने के बाद से ही एनआईए उसे सीधे पटियाला हाउस अदालत की स्पेशल अदालत में पेश करेगी, इस मामले में एजेंसी कोर्ट से अनमोल बिश्नोई की हिरासत की मांग कर रही है, ताकि देश भर में दर्ज विभिन्न आपराधिक मामलों, खासकर आतंकी-गैंगस्टर षड्यंत्र मामले में उससे पूछताछ की जा सके, साथ ही गिरोह के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके,
इस मामले में मुंबई पुलिस ने भी बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में उसकी कस्टडी लेने के लिए अदालत में आवेदन करने की तैयारी कर ली है। अनमोल बिश्नोई की भारत वापसी से सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तरह सतर्क हैं, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी गैंग से उसकी जान को खतरा हो सकता है। उसकी पेशी और हिरासत कई राज्यों में हुए हाई-प्रोफाइल अपराधों की जांच को एक नई दिशा दे सकती है।















