
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक कर राज्य में आध्यात्मिक और पर्यटन विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कुमाऊं और गढ़वाल दोनों मंडलों में एक-एक स्प्रिचुअल इकोनॉमिक जोन स्थापित करने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल उत्तराखंड को वैश्विक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन हब के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करते हुए तीर्थ स्थलों एवं आसपास के क्षेत्रों का समग्र विकास किया जाएगा। इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर बनेंगे तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इस वित्तीय वर्ष में ही इस योजना पर जमीन स्तर पर कार्य शुरू किया जाए।
स्प्रिचुअल इकोनॉमिक जोन में योग, ध्यान, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, स्थानीय हस्तशिल्प, पर्वतीय उत्पादों और सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा देने पर भी विशेष जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से राज्य की पर्यटन छवि और मजबूत होगी तथा उत्तराखंड की पहचान ‘आध्यात्मिक राजधानी’ के रूप में और सशक्त होगी।
शीतकालीन यात्रा व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने शीतकालीन यात्रा सीजन को देखते हुए बुनियादी सुविधाओं और व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शीतकालीन स्थलों में आवास, यात्रा, परिवहन और सुरक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाए, ताकि अधिक पर्यटक प्रदेश की प्राकृतिक व सांस्कृतिक विविधता का अनुभव कर सकें।
उन्होंने शीतकालीन स्थलों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए आधुनिक और पारंपरिक दोनों माध्यमों का उपयोग कर राज्य के पर्यटन की संभावनाओं को देश-विदेश तक पहुंचाने पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पर्यटन को बढ़ावा देना, लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना और प्राकृतिक व आध्यात्मिक धरोहरों को सुरक्षित रखते हुए सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ना है। उन्होंने अधिकारियों से योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन और प्रत्येक चरण की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा।















