
Lucknow : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के सामने बुधवार को दिव्यांग महागठबंधन के बैनर तले दिव्यांगों ने अपनी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया।
दिव्यांग महागठबंधन के महासचिव वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सरकार ने विकलांग का नाम बदलकर दिव्यांग कर दिया, लेकिन हमारी स्थिति आज भी नहीं बदली। नौकरी न मिलने के कारण कई लोगों को भीख मांगकर गुजारा करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों की 27 सूत्री मांगों में मुख्य रूप से दिव्यांग पेंशन को एक हजार से बढ़ाकर पांच हजार प्रतिमाह करना, दिव्यांग कर्मचारियों को गृह जनपद में तैनाती, नि:शुल्क घरेलू मीटर और बिजली बिल में सौ प्रतिशत छूट शामिल है।
महासचिव वीरेंद्र कुमार ने बताया कि 2022 की लेखपाल परीक्षा पास करने वाले दिव्यांग अभ्यर्थियों को अब तक 188 पदों पर नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। उनका कहना है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लापरवाही के कारण दिव्यांग अभ्यर्थी परेशान हैं। अधिकारियों से सिर्फ आश्वासन मिलता है, कार्रवाई नहीं होती। वीरेंद्र कुमार ने कहा कि दिव्यांगों की 21 श्रेणियों को देखते हुए आरक्षण कोटा चार फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो प्रदेश के 54 लाख दिव्यांग अपनी वोट शक्ति से सरकार को हिला देंगे।











