
Patna : बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारी करीब-करीब पूरी हो चुकी है और नीतीश कुमार गांधी मैदान में 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। बताया जाता है कि एनडीए के नेताओं को ज्योतिषियों से जो समय दिया गया है वह गुरुवार (20 नवंबर) को 11:00 बजे से लेकर 11:50 तक है, यानी कि इस दौरान 50 मिनट का शुभ मुहूर्त है जिसमें नीतीश कुमार अपने मंत्रिपरिषद के सहयोगियों के साथ शपथ लेंगे। नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह से में डेढ़ से 2 लाख लोगों के आने की भी संभावना है। बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह पटना के गांधी मैदान में होने जा रहा है जिसके भव्य आयोजन की तैयारी पूरी कर ली गई है। नीतीश कुमार गांधी मैदान पटना में 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेता समारोह में शामिल होंगे।
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और एनडीए शासित राज्यों के तमाम मुख्यमंत्री आएंगे। नीतीश सरकार गठन की कवायद के बीच आज बीजेपी और जेडीयू के विधायकों की अलग-अलग मीटिंग में विधायक दल के नेता का चुनाव होगा। इसके बाद एनडीए के सारे विधायकों की बैठक होगी जिसमें नीतीश कुमार को नेता चुना जाने की औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी। इस बीच एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए शुभ मुहूर्त भी निकली गई है। एक साथ तकरीबन 2 लाख तक लोगों के जमावड़े से एनडीए नेता इसे बहुत भव्य बनाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। अमित शाह, जेपी नड्डा और उनके साथ कई एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री वहां पर मौजूद रहेंगे। शपथ कार्यक्रम को लेकर एनडीए ने इसे बिहार के हालिया वर्षों के सबसे बड़े आयोजनों में बदलने की तैयारी कर ली है। अनुमान है कि करीब 1.5 से 2 लाख लोग गांधी मैदान में जुट सकते हैं।
मंच और मैदान की व्यवस्था को इसी आकार को ध्यान में रखकर अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और एनडीए शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री समारोह में मौजूद रहेंगे। एनडीए इस पूरे आयोजन को अपनी एकजुटता और सियासी ताकत के बड़े प्रदर्शन के रूप में भी देख रहा है। सहयोगी दलों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। लोजपा (रामविलास), हम और रालोमो के एक-एक नेता पहली सूची में शपथ लेंगे। आगे की विस्तार सूची में लोजपा को कुल तीन सीटें और हम व रालोमो को एक-एक सीट मिलने की संभावना है। फिलहाल राजनीतिक हलचल के बीच सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की है कि मुख्यमंत्री की 10वीं शपथ के लिए चुने गए इस 50 मिनट के शुभ मुहूर्त को किस तरह सत्ता, संयोजन और आस्था के मिश्रण के रूप में पेश किया जा रहा है। नीतीश कुमार की नई पारी की शुरुआत ठीक इसी समय पर बिहार की राजनीति को नए समीकरणों की दिशा देने का संदेश भी दे रही है।















