कांग्रेस ऑफिस में विधायक का मर्डर! जेल से भागे बाहुबली अशोक महतो, 62 की उम्र में की शादी

Bihar Election : बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कुल 23 उम्मीदवार बाहुबली या उनके परिवार के सदस्य चुनावी मैदान में उतरे थे। इनमें से 13 उम्मीदवार एनडीए गठबंधन से और 10 महागठबंधन से थे। चुनाव के परिणामों में खास बात यह रही कि इनमें से 13 बाहुबली या उनके परिजन विजेता बने हैं। इनमें से 10 बाहुबली और उनके परिवार के सदस्य जीत हासिल करने में सफल रहे। आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद फिर से विधानसभा पहुंचे हैं, जिन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी है।

इसके अलावा, बाहुबली अशोक महतो की पत्नी ने भी चुनाव में जीत हासिल की है, जो इस बार राजनीति में सक्रियता दिखाने वाली महिलाओं में शामिल हैं।

यह आंकड़ा बिहार की सियासत में बाहुबली राजनीति के वजूद को दर्शाता है, जहां अपराध और राजनीति का गठजोड़ अभी भी मजबूत है। इन बाहुबली उम्मीदवारों की जीत ने राज्य की राजनीति को नई दिशा दी है, वहीं प्रभावशाली परिवारों का वर्चस्व भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है।

वहीं, 20 मई 2006 की एक भयावह घटना भी चर्चा में आई, जब बिहार के शेखपुरा जिले के मणिपुर गांव में एक जघन्य हत्याकांड हुआ। उस दिन शाम करीब 7.30 बजे का वक्त था। गांव के महेंद्र प्रसाद चौरसिया का परिवार अपने घर की छत पर था। कुछ सदस्य सो रहे थे, तो कुछ आराम कर रहे थे। तभी महेंद्र खैनी थूकने बाहर निकले। जब वह नीचे देखने लगे तो उन्हें दृश्य देखकर खून खौल उठा। उन्होंने देखा कि करीब 30 से 40 हथियारबंद अपराधी घर की तरफ आ रहे हैं। महेंद्र का खून ठंडा पड़ गया, और उन्होंने तुरंत अपने परिवार को जागरूक किया, सबको नीचे भागने का निर्देश दिया।

हथियारबंद अपराधी घर-घर घुसने लगे। उनमें से कुछ लोग महेंद्र की छत पर भी चढ़ गए। यह घटना उस समय बिहार में अपराध और बाहुबली राजनीति की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है। ऐसी घटनाएं बिहार की राजनीति और अपराध के गठजोड़ का प्रतीक बन चुकी हैं, जो आज भी प्रदेश की कई घटनाओं में देखने को मिलती हैं।

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