जल संरक्षण में जालौन ने रचा इतिहास, राष्ट्रीय जल पुरस्कार से नवाज़े गए जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय

Orai, Jalaun : बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित जिले जालौन ने जल संरक्षण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित 6 वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय को जल संरक्षण व जल संचयन में असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि न केवल जिले बल्कि पूरे बुंदेलखंड के लिए प्रेरणास्रोत है। बुंदेलखंड लंबे समय से जल संकट से जूझता रहा है, लेकिन डीएम राजेश कुमार पांडेय ने जनभागीदारी आधारित जल संरक्षण मॉडल विकसित कर जिले की तस्वीर बदल दी।

उन्होंने सितंबर 2023 में जालौन का कार्यभार संभाला था और दो वर्षों के भीतर जिले को जल संरक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान दिलाकर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की। डीएम पांडेय के कार्यकाल में जिले में व्यापक स्तर पर चेकडैम, तालाब पुनर्जीवन, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और जल भंडारण संरचनाओं का निर्माण किया गया। इन प्रयासों से न केवल जल बचत बढ़ी, बल्कि भूजल स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ। गांवों की जल निर्भरता कम हुई और किसानों को सिंचाई के लिए नई उम्मीद मिली। बताते चले कि कोंच तहसील के ग्राम सतोह से शुरू होने वाली 83 किलोमीटर लंबी नून नदी वर्षों से सूखी पड़ी थी और उसका अस्तित्व खतरे में था।

डीएम पांडेय ने इसे पुनर्जीवित करने का ऐतिहासिक अभियान शुरू किया। नदी की सफाई, गहरीकरण, तटबंध निर्माण और जल स्रोतों के पुनर्जीवन में हजारों ग्रामीणों ने सहभागिता की। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी इस जन आंदोलन में भाग लिया। परिणामस्वरूप आज नून नदी पुनः प्रवाहित हो रही है और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है। यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात में भी सराहा गया।

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