
Bihar Election : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भागलपुर नगर विधानसभा सीट को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रमुख नीतीश कुमार ने इस सीट पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर दी है। महानगर जदयू की बूथस्तरीय बैठक बुधवार को साह धर्मशाला, लहेरीटोला में आयोजित हुई, जिसमें कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर यह मांग की कि यह सीट जदयू के खाते में जानी चाहिए।
इस आक्रामक रुख से स्पष्ट हो गया है कि पार्टी इस बार किसी समझौते के मूड में नहीं है और अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए महानगर जदयू के जिलाध्यक्ष संजय साह ने कहा कि संगठन लगातार मजबूत हो रहा है और जमीनी स्तर पर जदयू की पकड़ मजबूत है। उन्होंने प्रदेश नेतृत्व से आग्रह किया कि भागलपुर नगर विधानसभा सीट जदयू को दी जाए ताकि पार्टी का मनोबल बढ़े और सरकार की योजनाएं जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंच सकें। साथ ही, उन्होंने बूथ स्तर पर मजबूत संगठन बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए और शीघ्र बूथ कमेटियों का गठन कर प्रदेश कार्यालय में भेजने का निर्देश दिया।
बैठक में कई कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री की नीतियों में आस्था व्यक्त करते हुए जदयू की सदस्यता ग्रहण की। इनमें मोहम्मद अशरफ खान, महबूब खान, राजा अंसारी, मोहम्मद महताज, प्रमिला देवी, पूर्णिमा देवी, वंदना देवी, रीना देवी, कुसुम देवी, चंदा देवी, पुष्पा देवी, रेस महादेवी समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान नेताओं ने संगठन को मजबूत बनाने और चुनावी जमीन तैयार करने पर बल दिया।
बैठक में पूर्व महानगर अध्यक्ष सुड्डू साई, प्रदेश सचिव संजय राम, राकेश ओझा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेखर पांडे, उपाध्यक्ष संजू तिवारी, महासचिव चंदन सहाय, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रिंटू सिंह, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद मिराजुद्दीन, प्रदेश उपाध्यक्ष महबूब आलम, जिला प्रवक्ता शैलेंद्र तोमर, महानगर प्रवक्ता राहुल सिंह समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। इन नेताओं ने आगामी चुनाव की तैयारियों को लेकर जमीन मजबूत करने का आह्वान किया।
2020 के विधानसभा चुनाव में भागलपुर सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। कांग्रेस के अजीत शर्मा ने यहां से जीत हासिल की थी, जबकि करीब 65,502 वोट प्राप्त किए थे। बीजेपी के रोहित पांडे दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्होंने 64,389 वोट हासिल किए। उस समय, यह सीट बीजेपी और जदयू-भाजपा गठबंधन का हिस्सा थी। अब, जब जदयू ने यहां अपना दावेदारी ठोकी है, तो यह भाजपा के लिए झटका भी हो सकता है।
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