केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जबलपुर में देखी बैम्बू की खेती, कहा- यहां की प्रजाति सॉफ्ट फाइबर बनाने वाली

Jabalpur, Bhopal : केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आने वाले समय में भारत में भी बैम्बू (बांस) से सॉफ्ट फाइबर बन पाएगा। केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय सॉफ्ट फाइबर बनाने के लिए बैम्बू पर रिसर्च कर रहा है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में पैदा हुई बैम्बू की खास प्रजाति से साफ्ट फाइबर तैयार करने की दिशा में काम हो रहा है। यहां के बैम्बू उत्पादक किसान इसमें सहयोग कर रहे हैं।

केन्द्रीय मंत्री सिंह मध्य प्रदेश के दौरान सोमवार देर शाम जबलपुर के दद्दा घाट तिलवारा स्थित बैंबू नर्सरी में भ्रमण करने पहुंचे थे। उन्होंने यहां बैम्बू की खेती को समझने के लिए अशोक भाटिया की नर्सरी में पहुंचकर बैम्बू की सभी प्रजातियों को देखा और हर छोटी और बड़ी जानकारी को बारीकी से समझा, ताकि इसे किसानों की आय के नए स्रोत के रूप में विकसित किया जा सके। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं बैम्बू की खेती को समझने के लिए उस व्यक्ति के पास आया हूं, जिसके पास इसका खजाना है। मैं इस बात को जानने आया हूं कि किस प्रजाति के बैम्बू फाइबर के लिये इकोनॉमिकल होगा और अच्छा पैसा देगा। किसमें अधिक साल्ट मिलेगा। देश के अंदर एक मिथक था कि बैम्बू का झाड़ पानी पी जाता है, लेकिन सुभाष भाटिया ने इस मिथक को तोड़ दिया है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं अभी टेक्सटाइल मंत्रालय में काम कर रहा हूं और बैम्बू फाइबर में अध्ययन करना चाहता हूं। देश के अंदर कई लोग बैम्बू का काम करते हैं, लेकिन मेरी नजर में बैम्बू के मास्टर और उसके ज्ञाता जिनके पास 60 से 70 किस्म की प्रजातियां है, उनके पास से सारी जानकारी जुटाने आया हूं। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में बैम्बू फाइबर पल्प के द्वारा कपड़े बनते हैं, लेकिन वह केमिकल प्रोसेस से बनते हैं। यह बैम्बू फाइबर नेचुरल होता है। इस पर विभाग काम कर रहा है। एक उम्मीद है कि लगभग 4 साल के बाद इससे किसान को हर साल लगभग डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से फायदा होगा, क्योंकि उत्तर भारत में बंगाल से लेकर पंजाब तक जमीन में कार्बन कम हो गया है और साथ ही जमीन में एग्रीकल्चर के लिए हम नेचुरल फार्मिंग में जोर दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार जैसे प्रांत में 0.5 फीसदी ही जमीन में कार्बन है, यहां कौन सा बायोचार सूटेबल होगा? मैं समझना चाहता हूं, क्योंकि यहां बायोचार भी उपलब्ध है। सबसे बड़ी बात बैम्बू साल्ट है, जिसका नाम सुनते थे और यूट्यूब पर देखे थे कि बैम्बू साल्ट में प्रचुर मात्रा में मिनरल्स होते हैं, मुझे आज यहां आकर उसे चखने का भी मौका मिला और मैंने उसके बनने की प्रक्रिया भी देखी। दुनिया में जितने भी फिल्टर होते हैं, उनका काम एक्टिवेटेड चारकोल के बिना नहीं चल सकता है। इस तरह से बैम्बू कई सेक्टर में काम देने वाला है। इतना काम कोई एक प्लांट नहीं दे सकता है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि देश के अंदर एक मिथक चल रहा था कि बैम्बू पानी को सोखता है, पर ऐसा नहीं है। जबलपुर के सुभाष भाटिया ने इसे तोड़ते हुए बताया कि ये गलत है। मैं इस समय टेक्सटाइल और बैम्बू फाइबर पर काम कर रहा हूं। देश में कई लोग होंगे पर मेरी नजर में बैम्बू के मास्टर जबलपुर के हैं, जिन्होंने अपने फार्म में 60 से 70 किस्म के बैम्बू लगाए हैं। इतने ऊंचे हैं कि सिर उठाकर भी दिखाई नहीं देते हैं।

बैम्बू नर्सरी के संचालक एवं विशेषज्ञ सुभाष भाटिया ने कहा कि केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के साथी के तौर पर बैम्बू फाइबर बनाने में सहयोग कर रहे हैं। वे बैम्बू की नई प्रजाति के साथ शोध कर रहे हैं, ताकि सॉफ्ट फाइबर कपड़ा बनाने के लिए तैयार हो सके। उनके अनुसार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को उन्होंने बैम्बू की 62 प्रजाति दिखाईं। उन्होंने बताया कि फिलहाल चीन ही बांस से फाइबर निकालकर कपड़ा बनाता है। भारत सॉफ्ट फाइबर बनाने की दिशा में बहुत करीब आ चुके हैं।

लालू यादव के सारे तिलस्म खत्म, आरजेडी अब ‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ बनकर रह गई

इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लालू यादव और उनकी पार्टी पर जहां जमकर हमला बोला, तो वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नीतिश कुमार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नीतिश कुमार ने जाति बंधक को तोड़ दिया। बिहार में 90 से लेकर 15 साल तक लालू यादव का जंगलराज था। जातीय विद्वेष फैलाया गया था। आरजेडी ने जहां एमवाए में मुस्लिम और यादव समीकरण बनाया था, वहीं मोदी और नीतिश ने नया एमवाए बनाया, जिसमें महिला और युवा हैं। ये अद्भुत समीकरण था। जिससे जीत मिली। महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता देने के कारण जनता का भरोसा एनडीए के साथ खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि आरजेडी अब “प्राइवेट लिमिटेड कंपनी” बनकर रह गई है और इसका आंतरिक गतिरोध समाप्त होने की स्थिति में नहीं है। यह कंपनी अब बैठ गई है और दोबारा उठने वाली नहीं है।

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