
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के ओखला इलाके में स्थित अल फलाह ट्रस्ट और फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई, आज तड़के सुबह करीब 5 बजे (ईडी) द्वारा कार्रवाई की गई है, ये छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) के मामले में की जा रही है। यूनिवर्सिटी और इसके मालिकों-प्रबंधकों पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। सूत्रों के अनुसार, न्यूज एजेंसी एएनआई, (ईडी) ने अल फलाह ट्रस्ट के ओखला स्थित मुख्यालय, यूनिवर्सिटी कैंपस और संचालकों के निजी आवास समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की गई है। बता दें कि दिल्ली के जामिया नगर व ओखला विहार और फरीदाबाद सेक्टर-22 स्थित कैंपस में (ईडी) की टीमें आज सुबह से ही तैनात हैं। ईडी ने अल फलाह और उसके मालिकों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पीएमएलए का मामला दर्ज किया है। इस मामले में ईडी की टीम ने दस्तावेज, बैंक खातों की डिटेल, लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल डिवाइस को जब्त कर लिया है। ईडी द्वारा छापेमारी अभी जारी है। हालाकि देर शाम तक और ठिकानों पर दबिश देने की संभावना है। ईडी की कार्रवाई को देखते हुए दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने पूरे शहर इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। फिलहाल इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी होने की अधिकारियों ने कोई पुष्टि नहीं की है। बता दें कि ईडी ने कुछ महीने पहले ही अल फलाह यूनिवर्सिटी और इसके मालिकों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया गया था। आरोप है कि यूनिवर्सिटी और ट्रस्ट के नाम पर करोड़ों रुपये की अवैध फंडिंग की गई थी। विदेशी डोनेशन के नियमों का उल्लंघन हुआ और संपत्तियों के गलत इस्तेमाल के जरिए काले धन को सफेद किया गया था।
ईडी की ये रेड दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की चल रही जांच के सिलसिले में की गई है। दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट के सिलसिले में कई डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में आ गई है, जिसमें 13 लोग मारे गए थे। कई अन्य घायल हुए थे। सुसाइड बॉम्बर, कश्मीरी रहने वाले डॉक्टर उमर उन नबी यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जवाद से यूनिवर्सिटी के खिलाफ दर्ज 2 एफआईआर के सिलसिले में पूछताछ करेगी। इस मामले में उन्हें पहले ही एक फॉर्मल नोटिस जारी किया जा चुका है। क्राइम ब्रांच टीम ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ 2 अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं, ये केस धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों के तहत दर्ज किए गए हैं। बता दें कि एक एफआईआर में आरोप है कि इंस्टीट्यूशन ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर (यूजीसी,12बी) सर्टिफिकेट का झूठा दावा करके छात्रो को दाखिला के लिए कच्चा लालच दिया गया था, जबकि दूसरी एफआईआर यूनिवर्सिटी से जुड़ी हुई है, जिसने 2018 में नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (एनएएसी) एक्रेडिटेशन खत्म होने के बावजूद एडमिशन ले लिए था। इन दोनों मामलों में पुलिस की जांच जारी है। विभाग टीम ने इससे पहले इस केस में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि उसने ब्लास्ट में शामिल आतंकवादी के एक और खास साथी को गिरफ्तार कर लिया था, जिस पर आरोप है कि उसने कार ब्लास्ट से पहले ड्रोन को मॉडिफाई करके और रॉकेट बनाने की कोशिश करके आतंकी हमले करने के लिए टेक्निकल सपोर्ट दिया था। आरोप जसीर बिलाल वानी (उर्फ ) दानिश, जो एक कश्मीरी भी है, जिसे एनआईए ने श्रीनगर व जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया था।














