
लखनऊ। लालबाग इलाके में आतंकी कनेक्शन को लेकर जांच एजेंसियों का ध्यान केंद्रित होने के बाद यूपी एटीएस ने बीते दिनों डॉक्टर शाहीन के घर पर छापा मारा है। छापेमारी के एक हफ्ते बाद भी घर का माहौल चुप्पी का आवरण ओढ़े हुए है। गेट खटखटाने के बावजूद कोई दरवाजा नहीं खोल रहा है। घर के अंदर एक साइकिल और कुछ जूते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन घर का पूरा माहौल सन्नाटा पसरा हुआ है।
पड़ोसी का बयान और माहौल
एक पड़ोसी ने बताया कि शाहीन का परिवार शांत स्वभाव का है और अच्छे लोग हैं। उसे यह भी आश्चर्य है कि आखिर इस तरह की खबरें कैसे आ गईं। पड़ोसी ने कहा कि शाहीन को बचपन से ही यहां देखा है, कभी भी किसी गलत गतिविधि में शामिल होने का अंदाजा नहीं था। वहीं, मोहल्ले निवासी मोहम्मद अनवर ने कहा कि शाहीन अपने सामान्य जीवन में कभी किसी संदिग्ध गतिविधि में नहीं दिखी।
उन्होंने कहा कि शाहीन स्कूल से घर और घर से स्कूल जाती थी, और गॉसिप में शामिल नहीं रहती थी। उनका मानना है कि शाहीन कैसे जैश जैसे आतंकी संगठन से जुड़ गई, यह समझ से बाहर है। अनवर ने यह भी कहा कि दिल्ली में मारे गए लोग हिंदू और मुस्लिम दोनों हैं, और यह कि इस्लाम कभी आतंकवाद का समर्थन नहीं करता।
जांच की दिशा और संपर्क
वर्तमान में, जांच एजेंसियां शाहीन और उसके डॉक्टर भाई परवेज से जुड़े नेटवर्क की तलाश कर रही हैं। परवेज के नाइट शिफ्ट में काम करने और दिन की गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा, एटीएस ने एरा मेडिकल कॉलेज के एक अन्य डॉक्टर, डॉ. निसार, से भी पूछताछ की है। जानकारी के अनुसार, डॉ. निसार ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की है, जहां शाहीन भी पढ़ाती थीं। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि परवेज और शाहीन से जुड़े कई बिंदुओं पर पूछताछ की गई है।
यूपी में हाई अलर्ट और सतर्कता
वहीं, दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद यूपी में भी हाई अलर्ट घोषित किया गया है। लखनऊ नगर निगम ने अपने सफाई कर्मचारियों का विशेष चेकिंग अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य उन संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करना है, जो बांग्लादेश या रोहिंग्या समुदाय के हो सकते हैं और बिना पहचान पत्र के विभाग में काम कर रहे हैं।
मेयर सुषमा खर्कवाल ने बताया कि दिल्ली धमाके के इनपुट के आधार पर हम अपने विभाग में कड़ी जांच कर रहे हैं ताकि कोई अवैध गतिविधि या देश विरोधी साजिश न हो सके। उन्होंने कहा कि कुछ संदिग्ध बिना पहचान पत्र के यूपी में रह रहे हैं, और उनकी तलाश जारी है। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि वे असम से आए हैं और उनके पास अभी एनआरसी भी है।
यह सिलसिला यूपी में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने और संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखने के प्रयासों का हिस्सा है, ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।










