महराजगंज : पराली जलाने पर DM का कड़ा रुख, बड़े पैमाने पर कार्रवाई

महराजगंज। जनपद में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं को लेकर जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने सख्त रुख अपनाया है। पराली प्रबंधन में लापरवाही और फील्ड स्तर पर निगरानी की कमी पाए जाने पर जिलेभर में अधिकारियों, थानाध्यक्षों, ग्राम प्रधानों और कृषि विभाग के कर्मचारियों पर एक साथ कार्रवाइयाँ की गईं।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि पराली जलाना कानूनन अपराध है। इससे न केवल पर्यावरण और जनस्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि मृदा की गुणवत्ता भी गंभीर रूप से घटती है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई होगी।

पराली रोकथाम की समीक्षा बैठक में अपेक्षित कमी न आने पर उपनिदेशक कृषि सहित चारों तहसीलों के उपजिलाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उपनिदेशक कृषि को विभागीय निगरानी और नियंत्रण तंत्र को प्रभावी बनाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी कर्मियों को अगले 24 घंटे के भीतर फील्ड में सक्रिय होने और किसानों तक वैकल्पिक उपाय पहुँचाने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही 12 थाना प्रभारी भी कार्रवाई की जद में आए हैं। श्यामदेउरवा, घुघली, सदर, कोठीभार, भिटौली, सिंदुरिया, पनियरा, चौक, निचलौल, नौतनवा, फरेंदा और बृजमनगंज थानों के थानाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी क्षेत्र में रोकथाम, गश्त और तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करना है, जिसके प्रति उदासीनता स्वीकार्य नहीं होगी। जिन ग्राम पंचायतों में पराली जलाने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही थीं, वहां के ग्राम प्रधानों को भी नोटिस जारी किया गया है।

डीपीआरओ श्रेया मिश्रा ने बताया कि नेता सुरुहुआ, पिपरदेउरा, बसंतपुर राजा, बागापार, लखिमा और दुबौली के ग्राम प्रधानों को पंचायत राज अधिनियम की धारा 95(1)(जी) के अंतर्गत नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम प्रधान स्थानीय स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनके स्तर पर लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी।

कृषि विभाग के कर्मचारियों को चेतावनी

कृषि विभाग के 30 एटीएम, बीटीएम और प्राविधिक सहायकों को किसानों के बीच जागरूकता न फैलाने और फील्ड में उपस्थिति सुनिश्चित न करने पर चेतावनी जारी की गई है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी कर्मचारी तुरंत सक्रिय हों और किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों के बारे में जागरूक करें।जनपद में अब तक पराली जलाने की 285 घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जिनमें हाल ही में 31 घटनाएँ रिपोर्ट हुई हैं। प्रशासन ने 3,40,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। 86 लोगों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की गई है और 2 कंबाइन मशीनें सीज की गई हैं।

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