
लुधियाना : दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच में अब अलफलाह यूनिवर्सिटी के मौजूदा शिक्षकों के साथ-साथ वहां से पढ़ चुके पूर्व छात्र भी एनआईए के रडार पर आ गए हैं। एजेंसी उन छात्रों की भी गहन जांच कर रही है, जिनका विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों से लगातार संपर्क बना हुआ है। इसी कड़ी में लुधियाना के डॉक्टर जान निसार आलम का नाम सामने आया है।
एनआईए जब उनकी तलाश में लुधियाना स्थित क्लीनिक पहुंची तो पता लगा कि वे अपनी चचेरी बहन के निकाह में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल गए हुए हैं। इसके बाद जांच एजेंसियों ने बंगाल जाकर उन्हें पकड़ लिया। कई घंटों की पूछताछ के बाद एनआईए ने उन्हें छोड़ दिया, लेकिन यह साफ कर दिया कि जरूरत पड़ने पर उन्हें दोबारा बुलाया जाएगा।
इलाके में दहशत का माहौल
बस्ती जोधेवाल के बाल सिंह नगर में रहने वाले डॉ. आलम का नाम सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भय बना हुआ है। खुफिया विभाग की एक टीम दो दिन पहले ही इलाके में पहुंची थी। उस दौरान घर पर उनके पिता तोहिद आलम मौजूद थे, जिन्होंने सीमित जानकारी दी और ज्यादा बात करने से इनकार कर दिया।
2020 में की थी एमबीबीएस
स्थानीय पुलिस ने परिवार और आसपास के लोगों से जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। डॉ. आलम के पिता के अनुसार, उनका बेटा 2020 में अलफलाह यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर चुका है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उसने लुधियाना में क्लीनिक खोल लिया था। जिस दिन वह शादी के लिए पश्चिम बंगाल गया, उसी दिन दिल्ली में ब्लास्ट हुआ। टीम के घर पहुंचने पर पिता ने उसका पूरा पता एजेंसियों को दे दिया।
बाद में एनआईए ने पश्चिम बंगाल के डालखोला इलाके में चल रही शादी की तैयारियों के दौरान ही डॉ. आलम को हिरासत में लेकर घंटों पूछताछ की। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन साफ चेतावनी दी गई कि केस में जरूरत पड़ने पर उन्हें जांच में शामिल होना होगा।
पिता का कहना है कि एमबीबीएस पूरा करने के बाद जान निसार का अपने प्रोफेसरों से संपर्क बना रहता था और वह आगे की पढ़ाई की तैयारी कर रहा था। परिवार ने कहा है कि वे जांच एजेंसियों के हर कदम पर सहयोग करेंगे।















