योगी सरकार की पहल से काशी में ‘ऊं नम: शिवाय’ की ध्वनियों से गुंजायमान होंगी मंदिर की गलियां

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी) में आने वाले पर्यटक आकाशवाणी के माध्यम से यहाँ के धर्म, अध्यात्म, संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व की जानकारियां सुन सकेंगे। योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा इस योजना के तहत, काल भैरव मंदिर चौराहा से मैदागिन चौराहा और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से होते हुए गोदौलिया चौराहा, दशाश्वमेध घाट तक एक विशेष ऑडियो सिस्टम स्थापित किए जाने की योजना है।

मंदिर मार्ग पर गुंजेगी ऊं नम: शिवाय की ध्वनियां

इस प्रणाली के माध्यम से अनवरत मंत्रोच्चारण, धार्मिक ध्वनियाँ एवं काशी से सम्बन्धित जानकारियाँ प्रसारित की जाएंगी। जबकि काल भैरव मंदिर के मार्ग पर ॐ तथा ॐ नमः शिवाय की ध्वनि गूंज रही है। यह परियोजना न केवल श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव कराएगी बल्कि काशी की प्राचीन परंपराओं को भी आधुनिक तकनीक के माध्यम से जीवंत बनाए रखने का कार्य करेगी।

वाराणसी शहर के 18 चिन्हित स्थानों का सौंदर्यीकरण

काशी में उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रधान ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ विराजमान है। शिव की त्रिशूल पर बसी काशी का कण-कण पौराणिक कथा से जुड़ा हैं, अब काशी की प्रमुख कथा व जानकारियां ऑडियो सिस्टम से प्रसारित की जाएगी। वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पूर्ण बोरा ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित एक्शन प्लान फॉर काशी एण्ड सारनाथ के अंतर्गत वाराणसी शहर के 18 चिन्हित स्थानों के सौंदर्यीकरण एवं सार्वजनिक अनुभव को बेहतर करने के लिए कई कार्य प्रस्तावित हैं। इसमें से एक काल भैरव मंदिर चौराहा से मैदागिन चौराहा, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गेट सं-4 वाया गोदौलिया चौराहा, दशाश्वमेध घाट तक स्थापित होना है।

सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक होगा मंत्रोच्चार

सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक ॐ एवं नमः शिवाय ध्वनि, मंत्रोच्चारण, धार्मिक ध्वनियां एवं काशी से सम्बन्धित जानकारियाँ प्रसारित की जाएँगी। वीडीए के अपर सचिव डॉ गुडाकेश शर्मा ने बताया कि काल भैरव चौराहे से मंदिर जाने के मार्ग तक ऑडियो सिस्टम लग चुका है, इसमें 3 बार ॐ की ध्वनि और 1 बार ॐ नमः शिवाय बजता है।

इस योजना का उद्देश्य पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को काशी के प्रमुख मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों की जानकारी देना जिससे उन्हें शहर की धार्मिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व को समझने में सहायता मिले सके। स्थानीय नागरिकों एवं आगंतुकों को आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव कराना है। मंत्रोच्चारण एवं धार्मिक ध्वनियों के माध्यम से क्षेत्रीय वातावरण को विशिष्ट धार्मिक स्वरूप देना, जो काशी की प्राचीन परम्पराओं एवं मान्यताओं को संजोए रखे।

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