बिहार चुनाव में राजद को करारी हार, तेजस्वी यादव बने नेता प्रतिपक्ष

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बड़ा झटका लगा है। चुनाव परिणाम के चार दिन बाद सोमवार को राजद के तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष चुना गया। इस चुनाव में एनडीए ने 202 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि महागठबंधन को केवल 35 सीटें ही मिलीं, जिसमें राजद के खाते में 25 सीटें रहीं।

नेता प्रतिपक्ष बनने का मानदंड
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए किसी भी पार्टी को कुल सदस्यों का कम से कम 10% यानी बिहार विधानसभा की 243 सीटों में 25 सीटें जीतनी होती हैं। यदि कोई पार्टी यह आंकड़ा पूरा नहीं करती, तो सदन में औपचारिक रूप से लीडर ऑफ अपोजिशन नहीं होता।

विपक्षी नेता की भूमिका
लीडर ऑफ अपोजिशन लोकतांत्रिक जवाबदेही को मजबूत करता है। यह पद केंद्रीय जांच ब्यूरो, केंद्रीय सतर्कता आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और लोकपाल जैसी शीर्ष संस्थाओं में चयन समितियों में भाग लेने का अधिकार देता है।

राजद परिवार में विवाद
पार्टी संरक्षक लालू प्रसाद यादव के परिवार में घमासान देखने को मिला। पूर्व उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आलोचना करते हुए सवाल उठाया कि लालू यादव अपनी बेटी के समर्थन में क्यों नहीं आए। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी रोते हुए घर से निकली, जबकि लालू और राबड़ी देवी वहीं बैठे रहे।

इतिहास रची मैथिली ठाकुर ने
लोक गायिका और भाजपा उम्मीदवार मैथिली ठाकुर अलीनगर सीट से विजयी होकर सबसे कम उम्र की विधायक बनीं। उनकी उम्र केवल 25 साल है, जिससे उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में नया रिकॉर्ड स्थापित किया।

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