
बारां। छबड़ा विधानसभा से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने पार्टी में उपेक्षा और अपमान की अपनी नाराजगी जाहिर की है। यह बात उन्होंने जेपी नड्डा को लिखे अपने वायरल पत्र के माध्यम से सामने लाई। पत्र में उन्होंने बताया कि अंता विधानसभा उपचुनाव के दौरान उन्हें प्रचार सूची में शामिल नहीं किया गया, जबकि उनके कनिष्ठ दो अन्य विधायकों के नाम सूची में थे।
सिंघवी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की विजय संकल्प यात्रा से पहले प्रकाशित विज्ञापन में बारां जिले के दो अन्य विधायकों के फोटो शामिल किए गए, लेकिन उनका नाम और फोटो गायब था, जिससे जिले के कार्यकर्ताओं में भी निराशा फैल गई।
पत्र में उन्होंने अपने परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि का भी जिक्र किया। उनके पिता प्रेमसिंह सिंघवी 1967 में छबड़ा से भारतीय जनसंघ और 1977 में जनता पार्टी के विधायक रहे। स्वयं सिंघवी सातवीं बार विधायक बने और राजस्थान विधानसभा में दूसरे सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि 17 अक्टूबर को जारी 40 नेताओं की प्रचार सूची में उनका नाम नहीं था, जबकि 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव समिति में उनका नाम सातवें क्रम पर रखा गया, लेकिन समिति ने अब तक उनसे कोई संपर्क नहीं किया। 6 नवंबर को अंता-मांगरोल में आयोजित विजय संकल्प यात्रा के विज्ञापन में उनका नाम न होने से उनके मनोबल और जिले के कार्यकर्ता आहत हुए।
सिंघवी ने पत्र में आग्रह किया कि पार्टी इस पूरे घटनाक्रम पर ध्यान दे और उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करे। उन्होंने अपने प्रयासों के बावजूद उपेक्षा और अपमान की भावना जताई और यह स्पष्ट किया कि वे अनुशासित कार्यकर्ता होने के नाते अंता उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन की जीत के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं।
छबड़ा विधायक ने मीडिया से कहा कि उन्होंने यह नाराजगी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र के माध्यम से पहले ही व्यक्त कर दी थी। उन्होंने प्रचार सूची और चुनाव समिति में उपेक्षा को अपमानजनक बताया।










