
- अवध की आस्था जागी, साधु-संतों की हजारों की टोली रानीमऊ होकर बढ़ी आगे
Pooredalai, Barabanki : मोक्षदायिनी शरद कालीन 84 कोसी परिक्रमा का पहला जत्था सोमवार भोर पूरेडलई ब्लॉक क्षेत्र के रानीमऊ पहुँचा, जहाँ ग्रामीणों ने परिक्रमा में जुटे साधु-संतों और श्रद्धालुओं का गर्मजोशी व श्रद्धा से स्वागत किया। रानीमऊ समेत आस-पास के गाँव पुष्पवर्षा, प्रसाद वितरण और जलपान की व्यवस्था से गूंज उठे।
मखौड़ा धाम (बस्ती) से महंत गोविंद दास की अगुवाई में प्रारंभ हुई यह परिक्रमा अलियाबाद राम मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद सोमवार सुबह आगे बढ़ती हुई टिकैतनगर क्षेत्र में प्रविष्ट हुई। मार्ग भर में श्रद्धालु “जय श्री राम” के जयकारों के बीच परिक्रमा दल का स्वागत करते रहे।
परिक्रमा प्रवक्ता गोपालजी सोनी ने बताया कि इस वर्ष परिक्रमा में एक हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। कई श्रद्धालु विभिन्न मार्गों से अभी भी जत्थे में शामिल हो रहे हैं। यह परिक्रमा अवध क्षेत्र की समृद्ध धार्मिक परंपरा और लोक आस्था को सशक्त बनाने का संकल्प लेकर चलती है।
परिक्रमा दल के बारिनबाग पहुँचने पर जयकारों की गूँज उठी। स्थानीय नागरिकों ने जलपान और विश्राम की समुचित व्यवस्था की। परिक्रमार्थी सोमवार रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार भोर सरयू नदी मार्ग से दुलारे बाग (जनपद गोण्डा) की ओर प्रस्थान करेंगे।
यह पवित्र परिक्रमा 26 नवंबर को पुनः मखौड़ा धाम में संपन्न होगी।










