मुनंबम वक्फ जमीन विवाद से सुर्खियों में आए जोसेफ बेनी को कांग्रेस देगी टिकट, चुनावी मैदान में ठोकेंगे ताल

Kochi : केरल के एर्नाकुलम जिले में मुनंबम वक्फ भूमि विवाद ने न केवल 600 परिवारों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है, बल्कि राज्य की राजनीति को भी नया मोड़ दे दिया है। इस आंदोलन के प्रमुख चेहरे मुनंबम लैंड प्रोटेक्शन काउंसिल (MLPC) के कन्वीनर जोसेफ बेनी को कांग्रेस ने आगामी लोकल बॉडी चुनावों के लिए टिकट देने का ऐलान कर दिया है। बेनी व्यपीन ब्लॉक पंचायत के मुंबम डिवीजन (वार्ड नंबर 12) से चुनाव लड़ेंगे, जो 2025 के पंचायत चुनावों का हिस्सा है। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए बेनी ने कहा, “यह फैसला 600 परिवारों के हित में लिया गया है, जिनकी जमीन वक्फ बोर्ड के दावे से खतरे में है। मेरी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं, लेकिन न्याय की लड़ाई जारी रखनी होगी।” यह कदम कांग्रेस के लिए रणनीतिक है, जो वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के बीच स्थानीय मुद्दों पर वोटरों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। आइए, विस्तार से जानते हैं इस विवाद की जड़ें, बेनी की भूमिका और चुनावी समीकरण को।

मुनंबम वक्फ विवाद की जड़ें: 1902 के पट्टे से 2024 की कानूनी जंग, 400 एकड़ पर 600 परिवारों का संघर्ष
मुनंबम वाइपीन द्वीप के तटीय इलाके में बसा एक शांतिपूर्ण मछुआरा गांव अक्टूबर 2023 से वक्फ बोर्ड के दावे से जूझ रहा है। केरल राज्य वक्फ बोर्ड ने 404 एकड़ जमीन जिसमें 600 परिवारों के घर, चर्च, स्कूल, दुकानें और कृषि भूमि शामिल है पर दावा किया है। बोर्ड का तर्क: यह जमीन 1902 में त्रावणकोर शाही परिवार ने अब्दुल सत्तार मूसा (एक गुजराती व्यापारी) को पट्टे पर दी थी, जो बाद में वक्फ संपत्ति बन गई। सत्तार के दामाद मोहम्मद सिद्दीक ने 1948 में इसे रजिस्टर कराया और 1950 में एडापल्ली सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में वक्फ डीड के जरिए कोझिकोड के फारूक कॉलेज को सौंप दिया। 1960 में फारूक कॉलेज मैनेजमेंट ने कथित तौर पर बिना बोर्ड की मंजूरी के जमीन बेच दी, जिसे बोर्ड अवैध मानता है।

पीड़ित परिवारों जिनमें 400 ईसाई (मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक), शेष हिंदू और कुछ मुस्लिम का दावा: पट्टे से पहले ही उनके पूर्वज यहां बसे थे, और उनके पास 1960 के दशक से रजिस्टर्ड डीड्स, टैक्स रसीदें और पजेशन प्रमाण हैं। 2008 में केरल सरकार ने जांच आयोग गठित किया, जिसकी 2009 रिपोर्ट में जमीन को वक्फ घोषित किया गया। 2019 में बोर्ड ने इसे आधिकारिक रूप से वक्फ संपत्ति करार दिया। लेकिन 2024 में केरल हाईकोर्ट ने बोर्ड के दावे को खारिज करते हुए कहा कि जमीन निजी संपत्ति है और बोर्ड का क्लेम अमान्य है।

फिर भी, राज्य सरकार (LDF) ने राजस्व अधिकार बहाल नहीं किए, जिससे विवाद गहरा गया। सुप्रीम कोर्ट में IUML की अपील लंबित है।
यह विवाद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 से जुड़ गया, जिसे केंद्र ने JPC को भेजा है। BJP ने इसे “मुनंबम का समाधान” बताया, जबकि कांग्रेस-LDF ने विधेयक का विरोध किया। स्थानीय स्तर पर यह सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित कर रहा है, लेकिन बेनी जैसे नेता इसे “जमीन बचाओ” आंदोलन बना रहे हैं।

जोसेफ बेनी: कॉलेज कैंपस से आंदोलन तक, अब चुनावी मैदान में
जोसेफ बेनी उम्र 45 वर्ष, एक स्थानीय व्यवसायी और पूर्व छात्र नेता, मुनंबम विवाद के प्रतीक बन चुके हैं। वे MLPC के कन्वीनर हैं और 15 नवंबर 2024 से वेलंकन्नी माता चर्च परिसर में चल रहे रिले प्रोटेस्ट को लीड कर रहे हैं। रविवार को यह आंदोलन 400वें दिन में प्रवेश कर गया, जहां निवासियों ने संपत्ति दस्तावेज जलाकर विरोध जताया। बेनी ने कहा, “अदालत ने फैसला दिया, लेकिन सरकार चुप है। हमारी मांगें राजस्व अधिकार बहाली, बोर्ड का दावा रद्द और मुआवजा पूरी होने तक प्रोटेस्ट जारी रहेगा।”
बेनी ने बताया कि कांग्रेस नेताओं प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. सत्यान और स्थानीय विधायक ने उन्हें टिकट का प्रस्ताव दिया। कॉलेज कैंपस से ही राजनीति में रुचि रही, लेकिन अब 600 परिवारों के लिए लड़ूंगा।” आधिकारिक घोषणा बाकी है, लेकिन कांग्रेस ने इसे पुष्टि कर दी। बेनी ने स्पष्ट किया, “यह व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि न्याय की लड़ाई है।

कांग्रेस की रणनीति: लोकल बॉडी चुनाव में वक्फ मुद्दे पर वोट बैंक, LDF पर हमला
कांग्रेस के लिए यह टिकट रणनीतिक हथियार है। व्यपीन ब्लॉक पंचायत (13 वार्ड्स) में 2020 चुनावों में कांग्रेस ने 7 सीटें जीतीं, LDF को 5 और BJP को 1। मुंबम डिवीजन मछुआरा-बहुल है, जहां वक्फ विवाद ने गैर-मुस्लिम वोटरों (ईसाई-हिंदू) को प्रभावित किया। सत्यान ने कहा, “बेनी की लड़ाई आम लोगों की है। हम वक्फ कानून सुधार, जमीन अधिकार और सद्भाव पर फोकस करेंगे।” यह कदम 2026 विधानसभा चुनावों की तैयारी है, जहां एर्नाकुलम में सीटें दांव पर हैं।

LDF सरकार पर कांग्रेस ने हमला बोला: “वक्फ बोर्ड को ढाल बनाकर अल्पसंख्यक वोट बैंक बचाने की कोशिश।” BJP ने भी समर्थन जताया, लेकिन कांग्रेस ने इसे अपनी नैरेटिव में फिट किया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह UDF (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) को मजबूत करेगा।

विवाद का वर्तमान परिदृश्य: 400वें दिन प्रोटेस्ट, सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित
मुनंबम में रिले फास्ट 24×7 चल रहा है। रविवार को निवासियों ने प्रॉपर्टी दस्तावेज जलाकर मार्च निकाला। बिशप एम्ब्रोस पुट्टनवीट्टिल और अन्य धार्मिक नेताओं ने CM पिनाराई विजयन से मुलाकात की, लेकिन सरकार ने कहा कि “कोई बेदखली नहीं होगी।” विधानसभा में दोनों फ्रंट्स ने वक्फ विधेयक का विरोध किया, लेकिन मुनंबम को समाधान का वादा किया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “पूर्ण न्याय होगा।”

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