ऑपरेशन सिंदूर: सेना प्रमुख का कड़ा संदेश, 88 घंटे था ट्रेलर, पाकिस्तान को फिर सिखाएंगे सबक

New Delhi : भारत की सैन्य क्षमता का एक झलक मात्र ‘ऑपरेशन सिंदूर’ था, जो पाकिस्तान के लिए चेतावनी का ‘ट्रेलर’ साबित हुआ। अगर जरूरत पड़ी, तो हम उसे फिर से सिखाएंगे कि पड़ोसी देश से जिम्मेदारी से कैसे व्यवहार किया जाता है। यह साफ संदेश सोमवार को चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दिया।

मनेकशॉ सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद, कश्मीर में बदलते हालात, मल्टी-डोमेन वॉरफेयर, मणिपुर की स्थिति और चीन के साथ संबंधों पर खुलकर बात की। उनका पूरा संवाद भारत के बढ़ते आत्मविश्वास, सैन्य तैयारी और बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य पर केंद्रित रहा। ‘रिफॉर्म टू ट्रांसफॉर्म: सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत’ थीम वाले इस डायलॉग में युवा नेताओं और विशेषज्ञों ने भी भाग लिया, जो थल सेना और सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज (CLAWS) का संयुक्त आयोजन था। आइए, विस्तार से जानते हैं जनरल द्विवेदी के प्रमुख बयानों को।

ऑपरेशन सिंदूर: 88 घंटे का ‘ट्रेलर’, पाकिस्तान को चेतावनी मूवी अभी बाकी है’
जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सैन्य ताकत का ‘ट्रेलर’ करार देते हुए पाकिस्तान को आंखें दिखाईं। मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले (जिसमें 26 लोग शहीद हुए) के जवाब में शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में जैश-ए-मोहम्मद व लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के 9 कैंपों पर सटीक हमले किए। मात्र 88 घंटों में पूरा हुआ यह ऑपरेशन मल्टी-डोमेन (एयर, लैंड, साइबर) वॉरफेयर का बेहतरीन उदाहरण था, जिसमें युवा अधिकारियों, NCC कैडेट्स और ‘सोशल मीडिया वॉरियर्स’ की भूमिका सराहनीय रही।
जनरल द्विवेदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर 88 घंटे में खत्म हुआ… यह तो बस एक ट्रेलर था। अगर पाकिस्तान मौका देगा, तो हम उसे सिखाएंगे कि पड़ोसी देश से कैसे जिम्मेदारी से व्यवहार किया जाता है। हम हर परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध अब केवल हथियारों से नहीं, बल्कि इनोवेशन, बुद्धि और नैतिक शक्ति से लड़े जाते हैं। ऑपरेशन में ड्रोन लैब्स, साइबर यूनिट्स और सोशल मीडिया के जरिए जन-जागरूकता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो युवाओं की क्षमता का प्रमाण है।

राज्य-प्रायोजित आतंकवाद पर दो-टूक: ‘बातचीत और आतंक साथ नहीं चल सकते, ब्लैकमेल से नहीं डरेंगे’

सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए राज्य-प्रायोजित आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “अगर कोई देश आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो वह भारत के लिए चिंता का विषय है। भारत विकास की बात करता है। अगर कोई हमारी राह में बाधा डालेगा, तो हमें कार्रवाई करनी होगी।” जनरल द्विवेदी ने साफ लफ्जों में कहा, “नई सामान्य स्थिति यह है कि बातचीत और आतंक, दोनों साथ नहीं चल सकते। जो लोग आतंकियों को बढ़ावा देते हैं, उन्हें भी हम उसी नजर से देखेंगे। भारत किसी ब्लैकमेल से डरता नहीं।”

यह बयान पाकिस्तान के उस रवैये पर प्रहार था, जो क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म को फंडिंग और ट्रेनिंग देता रहा है। उन्होंने जोर दिया कि भारत अब ‘नॉन-काइनेटिक और नॉन-कॉन्टैक्ट’ वॉरफेयर के लिए तैयार है, जहां साइबर, स्पेस और इलेक्ट्रॉनिक वॉर महत्वपूर्ण होंगे। “हम लंबे युद्धों के लिए तैयार हैं, क्योंकि सैन्य क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति ही रोकथाम है,” उन्होंने कहा।


कश्मीर में बदलाव, मणिपुर पर आशावादी: ‘आर्टिकल 370 हटने से नया दौर, मणिपुर में उम्मीद की किरण’जनरल द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर को ‘ट्रांसफॉर्म्ड’ बताया। आर्टिकल 370 हटने के बाद क्षेत्र में शांति स्थापना और विकास की गति तेज हुई है। “कश्मीर बदल चुका है आतंकवाद कम हुआ, पर्यटन बढ़ा और युवा मुख्यधारा से जुड़े हैं,” उन्होंने कहा। मणिपुर की हिंसक स्थिति पर उन्होंने आशावादी टिप्पणी की: “अगर सब ठीक रहा, तो राष्ट्रपति मणिपुर का दौरा कर सकती हैं। उम्मीद के पूरे दिन लौट रहे हैं।” उन्होंने सिविल-मिलिट्री कोऑर्डिनेशन को मजबूत करने पर जोर दिया, जो ऑपरेशन सिंदूर में सफल रहा।

मल्टी-डोमेन वॉरफेयर और चीन पर टिप्पणी: ‘युवाओं की भूमिका अहम, लंबे युद्धों के लिए तैयार’
कार्यक्रम में जनरल द्विवेदी ने मल्टी-डोमेन वॉरफेयर (MDW) पर फोकस किया, जहां हाइब्रिड थ्रेट्स (साइबर+फिजिकल) से निपटने के लिए युवाओं को थिंक-टैंक्स, लैब्स और बैटलफील्ड में शामिल करने की जरूरत है। “युद्ध अब बंकरों में नहीं, बल्कि बाइट्स, बैंडविड्थ और इनोवेशन से लड़े जाते हैं,” उन्होंने कहा। चीन के साथ संबंधों पर उन्होंने कहा, “हमारी तैयारी ऐसी है कि कोई भी चुनौती स्वीकार करने को तैयार हैं।” उन्होंने युवाओं से अपील की: राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन में शामिल हों यूनिफॉर्म में या बिना, टेक्नोलॉजी बनाएं, पॉलिसी शेप करें और जागरूकता फैलाएं।

चाणक्य डायलॉग का महत्व: युवा नेतृत्व और सशक्त भारत का विजन
चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 का उद्घाटन सत्र युवा लीडर्स फोरम के रूप में हुआ, जिसमें NCC कैडेट्स, स्टूडेंट्स और डिफेंस एक्सपर्ट्स ने भाग लिया। कर्नल सोफिया कुरैशी ऑपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग में प्रमुख चेहरे ने युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी संबोधित किया। यह आयोजन 27-28 नवंबर को पूर्ण रूप से होगा, जहां ‘सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत’ पर गहन चर्चा होगी। जनरल द्विवेदी ने कहा, “युवा ही अगले युद्ध की जीत सुनिश्चित करेंगे विचारों, इनोवेशन और बुद्धि से।”

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