
Riyadh : सऊदी अरब के पवित्र धरती पर एक दिल दहला देने वाली त्रासदी ने लाखों भारतीय परिवारों को शोक में डुबो दिया है। सोमवार तड़के मक्का से मदीना की ओर जा रही एक पैसेंजर बस डीजल टैंकर से जबरदस्त टक्कर के बाद आग का गोला बन गई, जिसमें कम से कम 42 भारतीय उमराह यात्रियों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। हादसा सऊदी के वेस्टर्न प्रांत के मुफर्राहत (Mufarrahat) इलाके में मदीना-मक्का राजमार्ग पर करीब 1:30 बजे (भारतीय समयानुसार) हुआ, जब बस में सवार ज्यादातर यात्री हैदराबाद और तेलंगाना के निवासी पवित्र यात्रा के बाद घर लौट रहे थे। सऊदी सिविल डिफेंस अथॉरिटी ने शुरुआती आंकड़े जारी किए हैं, जबकि भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की है। यह हादसा उमराह सीजन के बीच आया है, जब हजारों भारतीय मुसलमान सऊदी पहुंच रहे हैं, और अब सवाल उठ रहे हैं कि सड़क सुरक्षा पर क्या कदम उठाए जाएंगे। आइए, विस्तार से जानते हैं इस विनाशकारी घटना के हर पहलू को।
हादसे का भयावह विवरण: मक्का से मदीना रूट पर बस का टैंकर से जोरदार धक्का, आग ने ली कई जानें
घटना सोमवार तड़के हुई, जब अम्ब्रोज़ ट्रैवल एजेंसी की बस जो उमराह यात्रियों को लेकर मक्का से मदीना जा रही थी मुफर्राहत के घुमावदार राजमार्ग पर एक डीजल से भरे टैंकर से टकरा गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस का अगला हिस्सा चूर-चूर हो गया, और टैंकर से लीक हुआ डीजल आग लगने का कारण बना। कुछ ही सेकंडों में पूरी बस धधकने लगी, जिससे यात्री बाहर निकलने में नाकाम रहे। सऊदी मीडिया (अल अरबिया) के मुताबिक, बस में करीब 50 यात्री सवार थे, जिनमें महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे। आग इतनी भयंकर थी कि रेस्क्यू टीमों को मलबे में दबे शवों को निकालने में घंटों लग गए।
सऊदी सिविल डिफेंस ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें 20 से अधिक फायर ट्रक और एम्बुलेंस तैनात की गईं। घायलों को नजदीकी मदीना के अस्पतालों जैसे किंग फahd हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां 10-15 लोगों का इलाज चल रहा है। हादसे का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच में ड्राइवर की लापरवाही या टैंकर की तेज रफ्तार उभर रही है। सऊदी ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने जांच समिति गठित की है, और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है।
ज्यादातर पीड़ित हैदराबाद के: तेलंगाना CM ने जताया शोक, MEA ने हेल्पलाइन जारी की
मृतकों में ज्यादातर तेलंगाना और हैदराबाद के निवासी थे, जो उमराह यात्रा पूरी कर मदीना के दर्शन के लिए जा रहे थे। हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “यह दुखद हादसा है। मैं भारतीय दूतावास के डिप्टी चीफ मिशन अबू माथेन जॉर्ज से लगातार संपर्क में हूं, जो जानकारी जुटा रहे हैं।” तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को केंद्र के विदेश मंत्रालय (MEA) और सऊदी दूतावास से समन्वय करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी, और अगर जरूरी हो तो तेलंगाना अधिकारी सऊदी जाकर राहत कार्यों में मदद करेंगे।”
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर शोक जताया: “सऊदी में भारतीय उमराह यात्रियों के हादसे से गहरा सदमा पहुंचा है। दूतावास राहत कार्यों में जुटा है।” MEA ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए: रियाद में +966-11-4884144, जेद्दा में +966-12-2205000, और भारत में 1800118797। दूतावास ने मृतकों के शवों को भारत लाने और घायलों के इलाज के लिए त्वरित व्यवस्था की है। सऊदी हज और उमराह मंत्रालय ने भी हादसे की पुष्टि की और यात्रा एजेंसी पर जांच का आदेश दिया।
सऊदी में सड़क हादसों का काला साया: उमराह सीजन में बढ़ते खतरे, क्या है सबक?
सऊदी अरब में सड़क हादसे एक बड़ी समस्या बने हुए हैं, खासकर हज-उमराह सीजन के दौरान जब लाखों यात्री राजमार्गों पर यात्रा करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सऊदी में सालाना 4,000 से अधिक सड़क मौतें होती हैं, जिनमें 30% विदेशी तीर्थयात्री शामिल होते हैं। मक्का-मदीना रूट जैसे व्यस्त मार्गों पर तेज रफ्तार, पुरानी बसें और ड्राइवरों की थकान मुख्य कारण हैं। पिछले साल (2024) उमराह सीजन में भी इसी रूट पर एक हादसे में 20 भारतीय घायल हुए थे।
सऊदी सरकार ने 2023 में ‘विजन 2030’ के तहत सड़क सुरक्षा पर 10 अरब रियाल का निवेश किया है, जिसमें CCTV, स्पीड कैमरा और ड्राइवर ट्रेनिंग शामिल हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि तीर्थयात्रियों के लिए विशेष बस सेवाओं और इंश्योरेंस की जरूरत है। भारतीय दूतावास ने पहले ही यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
पीड़ित परिवारों का दर्द: ‘हमारा सहारा छिन गया’, भारत में शोक सभा
हैदराबाद और तेलंगाना में पीड़ित परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। एक परिवार के सदस्य ने बताया, “हमारे पिता उमराह से लौट रहे थे, अब शव तक नहीं मिल रहा। सरकार से न्याय और सहायता की गुहार है।” ओवैसी ने प्रभावित परिवारों से संपर्क साधा है, और MEA ने 50 लाख रुपये की एक्स ग्रेशिया सहायता का ऐलान किया है। सऊदी में भारतीय समुदाय ने मस्जिदों में फातेहा पढ़ी, जबकि भारत में कई जगहों पर शोक सभाएं हो रही हैं।















