
Ghugli, Maharajganj : लाचार, बेबस और गरीब लोगों की पहुंच से आज भी सरकारी योजनाएं दूर हैं। पात्र गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है, यह आसानी से समझा जा सकता है। आज भी कई पात्र एवं गरीब व्यक्ति सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए जिम्मेदारों के घरों और कार्यालयों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं, फिर भी उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है।
यह देखना और समझना हो कि पात्र होने के बावजूद गरीब लोगों को कैसे योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है, तो घुघली क्षेत्र के अमोढ़ा गांव निवासी शैलेश गोंड के घर पहुंचकर वास्तविकता समझी जा सकती है।
शैलेश अपने तीन बच्चों और पत्नी के साथ वर्षों से टूटी-फूटी झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर है। जर्जर फूस की झोपड़ी में मौसम की मार झेलते हुए वह परिवार के साथ वर्षों से जीवन काट रहा है। तेज हवा के झोंकों से झोपड़ी का फूस उड़ जाता है और वर्षा के समय बूंद-बूंद पानी अंदर गिरता है। ऐसे में शैलेश के परिवार को कई रातें सो कर नहीं, बल्कि बैठकर गुजारनी पड़ती हैं।
शैलेश को सरकारी आवास योजनाएं अब बेमानी लगने लगी हैं। एक ओर सरकार बेघर गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर देने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधानों और सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार व मनमानी इस जनकल्याणकारी योजना को पलीता लगा रही है। अगर आवास योजना की पात्रता के मापदंडों का ईमानदारी से पालन किया गया होता तो शैलेश को बहुत पहले ही रहने को छत मिल गई होती। लेकिन वर्षों तक प्रधानों और ब्लॉक का चक्कर लगाने के बावजूद वह आज भी जर्जर झोपड़ी में परिवार सहित रहने को विवश है।
शैलेश की गरीबी का आलम यह है कि वह घुघली में एक चाय की दुकान पर मजदूरी करता था, लेकिन करीब तीन सप्ताह पहले दुकान मालिक ने उसे काम से हटा दिया। उसके पास खेत भी नहीं है। सरकारी कोटे से मिलने वाला अनाज एक महीने का भोजन पूरा नहीं कर पाता, ऐसे में पेट पालने की मुसीबत भी बढ़ गई है। शैलेश सिसकते हुए कहता है “झोपड़ी अब पूरी तरह टूट चुकी है। समझ नहीं आता कि कहां से बांस और कहां से फूस लाऊं। जेब में पैसे भी नहीं हैं।”
ग्राम प्रधान अमोढ़ा ने बताया कि शैलेश गोंड बहुत गरीब है, उसके पास रहने को आवास नहीं है। वह आवास योजना का पात्र व्यक्ति है। हल्का लेखपाल द्वारा उसके आवास का सर्वे और ऑनलाइन कार्य किया जा चुका है। ग्राम पंचायत स्तर पर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। ऊपर से जैसे ही बजट आएगा, उसका आवास बनवा दिया जाएगा।”
विभाग जिम्मेदारो का कहना है कि शैलेश के आवास का सर्वे किया जा चुका है। पैसा रिलीज होने के बाद उसका आवास अवश्य बनेगा।










