
Sonauli, Maharajganj : भारत–नेपाल की सबसे व्यस्त अंतरराष्ट्रीय सीमा सोनौली बॉर्डर पर सोमवार को भारी अव्यवस्था देखने को मिली। सुबह से शुरू हुआ जाम दोपहर तक भी नहीं खुल सका, जिससे हजारों यात्री, व्यापारी और एम्बुलेंस तक घंटों रास्ते में फंसे रहे। सीमा क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए यह स्थिति बेहद चिंताजनक मानी जा रही है।
टेंपो स्टैंड के पास दोनों ओर ट्रकों की अनियंत्रित कतारें लगी थीं। कई जगह वाहन बेतरतीब ढंग से खड़े थे, जिससे बॉर्डर गेट पूरी तरह जाम हो गया। इस दौरान पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई त्वरित कार्रवाई नहीं दिखी। लोगों ने आरोप लगाया कि मौके पर पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थे और ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
व्यापारियों ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक मैनेजमेंट पूरी तरह फेल हो चुका है। उनका कहना था कि न तो वाहनों को लेन में लगाया जाता है और न ही पुलिस समय पर पहुँचती है। सीमा क्षेत्र इतना संवेदनशील होने के बावजूद व्यवस्था को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। यात्रियों ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस सिर्फ देखकर निकल जाती है। न कोई वैकल्पिक रास्ता बनाया जाता है और न ही कोई ठोस योजना दिखाई देती है।
जाम की वजह से कई एम्बुलेंस घंटों तक रास्ते में फंसी रहीं, जिससे मरीजों की जान पर खतरा मंडराने लगा। नेपाल से लौटने वाले पर्यटकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि यदि यातायात सिस्टम को नियंत्रित नहीं किया गया, तो सोनौली की अंतरराष्ट्रीय साख पर गंभीर असर पड़ेगा। मदन सिंह, रोहित ने बताया कि लगातार बिगड़ती व्यवस्था से सीमा क्षेत्र की छवि खराब हो रही है और यह व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकता है।
फिलहाल जाम हटाने के लिए कुछ पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं किया जाता, तब तक स्थायी समाधान की उम्मीद कम ही है। सोनौली बॉर्डर पर रोजाना हजारों लोग आवाजाही करते हैं और यह भारत–नेपाल व्यापार का प्रमुख केंद्र है। ऐसे में यातायात प्रबंधन की विफलता न केवल यात्रियों और व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि को प्रभावित कर सकती है।










