
Lakhimpur Kheri : दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में वन विभाग की टीम ने एक भटकी हुई बाघिन को सुरक्षित ट्रैंकुलाइज कर रेस्क्यू कर लिया। मझगई रेंज के अंतर्गत ग्राम सेमरीपुरवा, मजरा बसंतापुर कला में पिछले दो दिनों से बाघिन के खेतों में विचरण की सूचना मिल रही थी, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई थी।
किसानों के खेत तक पहुंच गई थी बाघिन
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार शनिवार से ही बाघिन गांव के नजदीक काश्तकारी क्षेत्र में दिखाई दे रही थी। खेतों की मेड़ों पर बाघिन के पंजों के निशान मिलने से गांव में भय का माहौल बन गया था। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी।
उच्चाधिकारियों से अनुमति के बाद शुरू हुआ बड़ा ऑपरेशन
वन क्षेत्र की सीमा से बाहर आने के बाद बाघिन को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व तथा प्रभागीय वनाधिकारी, उत्तर खीरी वन प्रभाग / उप निदेशक, बफर जोन के निर्देशन में रविवार सुबह विशेष टीम के साथ ऑपरेशन शुरू किया गया।
सुबह 7:30 बजे सफलतापूर्वक ट्रैंकुलाइज
टीम ने ड्रोन, ट्रैकर और ट्रैंकुलाइज गन के साथ खेतों में बाघिन को लोकेट किया और सुबह करीब 7:30 बजे बाघिन को सफलतापूर्वक ट्रैंकुलाइज कर लिया। बेहोशी की पुष्टि होने के बाद उसे विशेष पिंजरे में सुरक्षित रखा गया।
इसके बाद वन विभाग के पशुचिकित्सक की निगरानी में बाघिन को रेंज परिसर मझगई लाया गया, जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर दिया गया है।
जल्द ही प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा
वन विभाग ने बताया कि स्वास्थ्य परीक्षण पूरा होने और उच्चाधिकारियों से दिशा-निर्देश मिलने के बाद बाघिन को उसके प्राकृतिक आवास में सुरक्षित छोड़ा जाएगा।
वन विभाग की अपील
प्रभागीय वनाधिकारी कीर्ति चौधरी ने ग्रामीणों से अपील की है कि बाघिन के व्यवहार की संवेदनशीलता को देखते हुए वे वन विभाग की टीम को पूर्ण सहयोग दें और अफवाहों से बचें। विभाग ने आश्वस्त किया है कि बाघिन पूरी तरह सुरक्षित है और किसी तरह का खतरा नहीं है।










