
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप का दर्द सोशल मीडिया पर झलक गया। जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चंपाटिया सीट से चुनाव लड़ने वाले मनीष को हार का सामना करना पड़ा। वहीं राज्यभर में जनसुराज का खाता भी नहीं खुल सका और पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही।
एनडीए को जहां प्रचंड बहुमत मिला, वहीं महागठबंधन और जनसुराज दोनों को बड़ा झटका लगा। इस बीच मनीष कश्यप—जिनका असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है—ने सोशल मीडिया पर अपनी मां के साथ तस्वीर साझा की और भावुक पोस्ट के जरिए अपनी पीड़ा व्यक्त की।
मनीष ने लिखा, “मां, आज फिर तुम्हारे सिवा मेरे पास कुछ नहीं बचा। अच्छा होता अगर बिहार बदलने की जगह अपने परिवार के हालात बदलता, तो शायद किस्मत में 22 मुकदमे और कई बार जेल जाना नहीं लिखा होता।”
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने अपनी हार और लोगों की प्रतिक्रियाओं पर दुख जताया। उन्होंने लिखा, “कुछ लोग ताने मार रहे हैं कि हार के बाद क्या मिला? उन्हें कैसे बताऊं कि 37,172 लोगों का आशीर्वाद मुझे जाति या पार्टी के नाम पर नहीं, अपने दम पर मिला है। जेल जाते वक्त मैं इतना दुखी नहीं था, जितना आज हूं, क्योंकि मैंने सब कुछ दांव पर लगा दिया और बदले में हार और ताने मिले। लेकिन वादा करता हूं—जब तक जीत नहीं जाता, प्रयास करता रहूंगा। जय बिहार।”
चंपाटिया सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक रंजन विजेता रहे। मनीष कश्यप, जो 34 वर्ष के हैं, ग्रेजुएट हैं और उनके खिलाफ 22 मामले दर्ज हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग 88.4 लाख रुपये है, जिसमें 53.4 लाख की चल और 35 लाख की अचल संपत्ति शामिल है। उन पर 17 लाख रुपये की देनदारी भी दर्ज है।















