नौगाम थाने में धमाका… जैश मॉड्यूल और दिल्ली कनेक्शन जांच पर पड़ा असर

श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए भीषण विस्फोट में 9 लोगों की मौत और 32 के घायल होने की पुष्टि हुई है। यह धमाका फरीदाबाद से लाए गए विस्फोटक पदार्थों की फोरेंसिक जांच के दौरान हुआ, जिससे जैश-ए-मोहम्मद के व्हाइट कॉलर मॉड्यूल से जुड़े मामले की जांच पटरी से उतर गई है।

दिल्ली ब्लास्ट के बाद नौगाम पुलिस स्टेशन, जैश द्वारा बोनपोरा में लगाए गए धमकी भरे पोस्टरों की जांच का मुख्य केंद्र बना हुआ था। पिछले दो हफ्तों से चल रही जांच के दौरान पुलिस को डॉक्टरों से जुड़े एक बड़े व्हाइट कॉलर आतंकवादी मॉड्यूल के सुराग मिले थे। आरोप है कि इस मॉड्यूल से जुड़े लोगों ने औद्योगिक रसायनों के रूप में भारी मात्रा में विस्फोटक छिपा रखे थे।

फरीदाबाद से जब्त की गई यही सामग्री नौगाम पुलिस स्टेशन लाई गई थी और शुक्रवार देर रात इसी दौरान घातक विस्फोट हुआ। इस धमाके ने न केवल दिल्ली ब्लास्ट की जांच को धीमा कर दिया है, बल्कि कई महत्वपूर्ण सबूत भी नष्ट कर दिए हैं। इसके बावजूद एजेंसियां देशभर में मॉड्यूल से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी रखे हुए हैं।

कैसे हुआ विस्फोट?

शुक्रवार रात करीब 11:20 बजे SIA, फोरेंसिक साइंस लैब और राजस्व विभाग की टीमें विस्फोटकों के नमूने तैयार कर रही थीं। उसी समय पुलिस स्टेशन में अचानक एक शक्तिशाली धमाका हुआ, जिसकी आवाज़ 10–15 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।
विस्फोट के बाद आग ने पूरी इमारत को घेर लिया, जिससे स्टेशन मलबे में तब्दील हो गया और आस-पास के कई घर भी क्षतिग्रस्त हुए।

विस्फोट को बताया गया ‘एक्सीडेंटल’

गृह मंत्रालय ने इस घटना को दुर्घटनावश हुआ विस्फोट बताया है। मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रशांत लोखंडे ने कहा कि फरीदाबाद से बरामद बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री फोरेंसिक परीक्षण के लिए भेजी जा रही थी, तभी यह दुर्घटना घटी।
उन्होंने कहा कि जांच जारी है और किसी भी तरह के अनुमान लगाना इस समय उचित नहीं—प्राथमिक रूप से यह एक एक्सीडेंट ही प्रतीत होता है।

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