
Etah : दैनिक भास्कर में लगातार प्रकाशित हो रही जांच-पड़ताल और खुलासों का बड़ा असर हुआ है। वीरांगना अवंतीबाई मेडिकल कॉलेज एटा को आखिरकार होल ब्लड के साथ-साथ कंपोनेंट ब्लड (Platelets, Plasma, RBC आदि) का लाइसेंस जारी कर दिया गया है। लाइसेंस मिलने से अब गंभीर मरीजों को होल ब्लड के साथ प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, RBC यूनिट्स जैसे जरूरी ब्लड कंपोनेंट्स उपलब्ध कराए जा सकेंगे। दैनिक भास्कर की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट ने खोली थी मेडिकल कॉलेज की पोल।
दिसंबर 2024 में ब्लड बैंक का लाइसेंस खत्म हो गया था।
इसके बावजूद 11 महीने तक बिना वैध अनुमति के ब्लड जारी होता रहा जो कि कानून का सीधा उल्लंघन है। नोडल अधिकारी डॉ. जोगिंदर सिंह ने भी माना था कि “लाइसेंस कब एक्सपायर हुआ, ये तो फाइल देखकर बताना पड़ेगा।”
उनके इस बयान ने पूरे सिस्टम की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी थी।
कानून क्या कहता है?
बिना वैध लाइसेंस ब्लड बैंक चलाना अपराध है
इस पर जुर्माना व जेल — दोनों का प्रावधान
तो सवाल उठा था—
क्या सरकारी कॉलेज कानून से ऊपर हैं? निजी अस्पतालों को सील किया जाता है, तो सरकारी संस्थान क्यों बख्शे जाते हैं?
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के बाद प्रशासन हरकत में!
लगातार खुलासों और जनदबाव के बाद आखिरकार
वीरांगना अवंतीबाई मेडिकल कॉलेज को नया लाइसेंस जारी कर दिया गया। इससे अब कॉलेज में वैध ब्लड यूनिट्स मिल सकेंगी, मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, ब्लड स्टॉक और कंपोनेंट्स का रिकॉर्ड कानूनी दायरे में रहेगा
जनता बोली — “दैनिक भास्कर ने निभाई जिम्मेदारी”
मरीजों और सामाजिक संगठनों ने कहा— “अगर भास्कर खबर न उठाता तो ये लापरवाही कब तक चलती रहती?” “सरकारी अस्पतालों की गड़बड़ियों पर ऐसी ही सख्त पत्रकारिता जरूरी है।” वीरांगना अवंती बाई मेडिकल कालेज के cms डॉ सुरेश चंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि होल ब्लड के साथ साथ कॉम्पोनेंट ब्लड का भी लाइसेंस मेडिकल कॉलेज को मिल चुका है जिससे प्लेटलेट्स RBC प्लाज्मा आदि अब मरीजों को दिया जा सकेगा l










