
Maharajganj : नगर पालिका परिषद महराजगंज में अनियमितता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल कुमार गुप्ता ने ईओ आलोक कुमार मिश्रा पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए 23 टेंडर कार्यों की जांच की मांग जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा से की थी। इस संबंध में उन्होंने 10 अक्टूबर को एक पत्र सौंपा था।
शिकायत के आधार पर शुक्रवार को अपर उप जिलाधिकारी (एडीएम) प्रेम शंकर पांडेय ने नगर क्षेत्र का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट तैयार की। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि नगरपालिका द्वारा जारी किए गए 23 टेंडरों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं। सबसे गंभीर आरोप 15वें नंबर के कार्य पर है, जिसमें उन सड़कों को शामिल किया गया था जो पहले से ही बनी हुई थीं।
शिकायतकर्ता ने इसे “पैसों के बंदरबांट” का प्रयास बताया और कहा कि ईओ आलोक कुमार मिश्रा की लंबे समय से तैनाती के कारण नगर पालिका परिषद में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं लगातार बढ़ रही हैं। जिला अस्पताल परिसर में प्रस्तावित कार्यों को भी शिकायतकर्ता ने अनियमित बताया। उनका कहना था कि नगर की कई सड़कें खराब स्थिति में हैं, लेकिन इसके बावजूद पहले से बनी सड़कों को नए टेंडर में शामिल कर धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
शिकायत के आधार पर एडीएम प्रेम शंकर पांडेय की टीम शुक्रवार को मौके पर पहुंची। निरीक्षण के दौरान कई कार्य पहले से ही बने पाए गए, जिन्हें नए टेंडर में शामिल किया गया था। टीम ने उन स्थानों पर स्थानीय नागरिकों के बयान दर्ज किए, जहां अनियमितता का आरोप लगाया गया था। इसके साथ ही नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई और संबंधित रिकॉर्ड की जांच की गई।
एडीएम प्रेम शंकर पांडेय ने बताया कि जांच पूरी कर ली गई है और रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान मिले तथ्यों को विस्तार से दर्ज किया गया है।
इनकी भी सुनिए
आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि उनका उद्देश्य नगर के विकास कार्यों में पारदर्शिता लाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईओ आलोक कुमार मिश्रा की लंबे समय से तैनाती के कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है। उन्होंने मांग की कि दोषियों पर कार्रवाई के साथ-साथ टेंडर प्रक्रिया की भी समीक्षा की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों।











