
Srinagar : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार देर रात हुए विस्फोट को केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने ‘दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना’ घोषित कर दिया है। MHA के जम्मू-कश्मीर प्रभाग के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने शनिवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि यह हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक सामग्री की फोरेंसिक सैंपलिंग के दौरान हुई चूक का परिणाम है, न कि किसी आतंकी साजिश का। विस्फोट में 9 सुरक्षाकर्मियों और फोरेंसिक विशेषज्ञों की शहादत हुई, जबकि 32 अन्य घायल हो गए। मंत्रालय ने कयासबाजी से बचने की अपील की है, और जांच जारी रखने का ऐलान किया।
लोखंडे ने कहा, “14 नवंबर रात 11:20 बजे नौगाम पुलिस स्टेशन में एक दुर्भाग्यपूर्ण आकस्मिक विस्फोट हुआ। आतंकी मॉड्यूल की जांच (FIR 162/2025) के दौरान बरामद विस्फोटक पदार्थों और रसायनों का बड़ा जखीरा सुरक्षित रूप से पुलिस स्टेशन के खुले क्षेत्र में रखा गया था। मानक प्रक्रिया के तहत सैंपलिंग के दौरान ही यह हादसा हुआ।” MHA ने NIA, जम्मू-कश्मीर पुलिस और NSG की संयुक्त टीम को 72 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सभी पुलिस स्टेशनों में विस्फोटक हैंडलिंग के लिए नए SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) लागू करने का आदेश जारी किया गया है।
विस्फोट का विस्तृत घटनाक्रम: सैंपलिंग से आग तक
शुक्रवार रात नौगाम पुलिस स्टेशन के मालखाने में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), फोरेंसिक टीम और बम डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS) अमोनियम नाइट्रेट और NPS (नाइट्रोफॉस्फेट सल्फर) की सैंपलिंग कर रहे थे। प्रारंभिक ब्लास्ट के बाद सेकेंडरी विस्फोटों की श्रृंखला चली, जिससे परिसर में भीषण आग लग गई। 15 पुलिस वाहन जलकर खाक हो गए, और स्टेशन की इमारत को भारी नुकसान पहुंचा – दीवारें ढह गईं, शीशे चटक गए। विस्फोट की तीव्रता इतनी थी कि 7 किलोमीटर दूर राजबाग, छानपोरा, पंथा चौक, सनतनगर और रावलपोरा तक धमाके की गूंज सुनाई दी। CCTV फुटेज में अचानक चमक, धुआं और लहर साफ नजर आ रही है।
मरने वालों में 6 पुलिसकर्मी (ASI गुलाम हसन, कांस्टेबल इरफान अहमद, आदि), 2 फोरेंसिक विशेषज्ञ (डॉ. रियाज लोन, टेक्नीशियन साजिद मलिक) और 1 सहायक स्टाफ शामिल हैं। घायलों में 20 पुलिसकर्मी, 2 राजस्व अधिकारी, 5 फोरेंसिक सदस्य और 5 नागरिक हैं, जिनमें 10 की हालत क्रिटिकल है। शवों को श्रीनगर PCR ले जाया गया, जबकि घायलों को उजाला सिग्नस अस्पताल (12), SMHS अस्पताल (15) और 92 बेस अस्पताल (5) में भर्ती कराया गया। आर्मी ने हेलीकॉप्टर से 4 घायलों को दिल्ली AIIMS रेफर किया। MHA ने शहीद परिवारों को 1 करोड़ मुआवजा, नौकरी और घायलों के मुफ्त इलाज का ऐलान किया।
फरीदाबाद कनेक्शन: ‘व्हाइट-कॉलर’ मॉड्यूल का भंडाफोड़
यह हादसा जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGH) के ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा है, जो 19 अक्टूबर को नौगाम पुलिस स्टेशन में FIR 162/2025 के तहत दर्ज हुआ। मॉड्यूल ने दिल्ली के लाल किले के पास कार ब्लास्ट (11 नवंबर, 13 मृत) की साजिश रची थी। जांच में डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई (पुलवामा), डॉ. शाहीन सईद (कानपुर) और अदील अहमद राथर (श्रीनगर) जैसे शिक्षित आतंकियों का नाम आया।
25 अक्टूबर की रेड: फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी और डॉ. गनई के ठिकानों से 2,910 किलो अमोनियम नाइट्रेट + NPS, 12 AK-47 राइफलें, 18 हैंड ग्रेनेड और 45 IED सर्किट जब्त।
अब तक की कार्रवाई: 9 गिरफ्तारियां (डॉ. गनई सहित), 3 फरार। NIA ने दिल्ली, पंजाब, हिमाचल तक नेटवर्क ट्रेस किया।
सामग्री का स्टोरेज: पूरा कैश नौगाम मालखाने में रखा गया। MHA के अनुसार, 400 किलो का हिस्सा सैंपलिंग के लिए लाया गया था, लेकिन ओपन एरिया में रखने और रात में बिना एंटी-स्टैटिक उपकरण के काम से हादसा हुआ।
MHA की जांच फोकस: चूक के कारण, नए प्रोटोकॉल
MHA ने 5 सदस्यीय संयुक्त जांच टीम गठित की, जिसमें SP श्रीनगर, NIA, NSG BDS, FSL हेड और आर्मी इंटेलिजेंस शामिल। संभावित कारण:
हैंडलिंग चूक: स्टोरेज बंकर की बजाय ओपन यार्ड में रखा।
समय गलती: रात में सैंपलिंग, बिना पर्याप्त सुरक्षा।
साजिश खारिज: कोई बाहरी ट्रिगर नहीं, लेकिन हिडन IED मैकेनिज्म की जांच।
नए SOP:
विस्फोटक केवल अंडरग्राउंड बंकर में।
सैंपलिंग दिन में, NSG की मौजूदगी में।
फोरेंसिक टीम को एंटी-स्टैटिक किट अनिवार्य।
जम्मू-कश्मीर DGP नलिन प्रभात ने कहा, “यह दुर्घटना है, लेकिन जांच से सच्चाई साफ होगी। शहीदों को सलाम।” लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने हाई अलर्ट जारी किया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: CBI जांच की मांग
उमर अब्दुल्ला (NC): “CBI जांच जरूरी। स्टेशन में IED स्टोरेज घातक था।”
महबूबा मुफ्ती (PDP): “लापरवाही बर्दाश्त नहीं। 50 लाख मुआवजा दो।”
कांग्रेस: “MHA की सफाई संदिग्ध। संसदीय जांच हो।”
श्रीनगर में हाई अलर्ट, सभी चेकपॉइंट्स पर वाहन स्कैनिंग। नौगाम इलाका 48 घंटे बंद। यह हादसा आतंकवाद से लड़ाई में बलिदान को उजागर करता है, लेकिन प्रोटोकॉल की कमजोरी पर सवाल भी। MHA की रिपोर्ट से सच्चाई साफ होगी – तब तक कश्मीर सतर्क।















