श्रीनगर थाने में धमाका: नौ की मौत से मचा हड़कंप, उठे सुरक्षा पर कई सवाल

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्म राजधानी श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन परिसर में शुक्रवार देर रात 11:20 बजे हुए भीषण विस्फोट ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। इस हादसे में 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 27 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मरने वालों में 6 पुलिसकर्मी, 2 फोरेंसिक विशेषज्ञ और 1 स्थानीय सहायक शामिल हैं। घायलों में 18 पुलिसकर्मी, 5 फोरेंसिक टीम सदस्य और 4 आम नागरिक हैं, जिनमें से 8 की हालत क्रिटिकल बताई जा रही है। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी गूंज 7 किलोमीटर दूर राजबाग, पुराना सचिवालय, छानपोरा, सनतनगर, रावलपोरा और पंथा चौक तक सुनाई दी। परिसर में खड़ी 14 पुलिस वाहनें पूरी तरह जलकर राख हो गईं, और आसपास की इमारतों के शीशे चटक गए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह हादसा जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGH) के ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ से जुड़े मामले में हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त 2,910 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और NPS (नाइट्रोफॉस्फेट सल्फर) की सैंपलिंग के दौरान हुआ। पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और फोरेंसिक टीम रात में नमूने निकाल रही थी, तभी अचानक ब्लास्ट हो गया। प्रारंभिक जांच में चूक की आशंका जताई जा रही है – संभवतः विस्फोटक को सुरक्षित स्टोरेज की बजाय खुले में रखा गया था, या सैंपलिंग के दौरान स्टैटिक चार्ज या गलत हैंडलिंग से ट्रिगर हुआ।

सफेदपोश मॉड्यूल का भंडाफोड़: फरीदाबाद से श्रीनगर तक का कनेक्शन
यह मामला 19 अक्टूबर 2025 को नौगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR नंबर 112/2025 से शुरू हुआ। पुलिस ने दो ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) – डॉ. मुजम्मिल गनई (कुपवाड़ा) और अब्दुल रहमान (बारामूला) – को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये दोनों फरीदाबाद की दो फैक्टरियों से विस्फोटक ला रहे थे। 25 अक्टूबर को NIA और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त रेड में फरीदाबाद से 2,910 किलो अमोनियम नाइट्रेट + NPS, 12 AK-47, 18 हैंड ग्रेनेड और 45 IED सर्किट बरामद किए गए।

पुलिस ने यह सामग्री नौगाम पुलिस स्टेशन के मालखाने में रखी थी, क्योंकि यहां बम डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS) और फोरेंसिक लैब की सुविधा उपलब्ध है। सूत्रों के अनुसार, पूरा 2,910 किलो नहीं, बल्कि 450 किलो का हिस्सा सैंपलिंग के लिए लाया गया था, लेकिन स्टोरेज प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ।
विस्फोट के तुरंत बाद: इलाका सील, बचाव में देरी
विस्फोट के 5 मिनट बाद ही CRPF की 72वीं बटालियन, आर्मी की 53 राश्त्रिय राइफल्स और पुलिस की क्विक रिएक्शन टीम (QRT) मौके पर पहुंची। लेकिन लगातार छोटे-छोटे धमाकों (सेकेंडरी ब्लास्ट) के कारण बम निरोधक दस्ते (NSG BDS) ने तत्काल बचाव अभियान शुरू नहीं किया। सुबह 4 बजे तक इलाका 5 किमी के दायरे में सील रहा।

मृतकों के शव: 9 शव बरामद, पहचान जारी (6 पुलिसकर्मी: ASI गुलाम हसन, कांस्टेबल इरफान, आदि; 2 फोरेंसिक विशेषज्ञ: डॉ. रियाज, टेक्नीशियन साजिद)
घायल: 27 में से 10 उजाला सिग्नस अस्पताल, 12 SMHS अस्पताल, 5 92 बेस अस्पताल (आर्मी) में भर्ती
क्रिटिकल: 8 वेंटिलेटर पर, 3 को दिल्ली रेफर करने की तैयारी

उच्चस्तरीय जांच: चूक या टेरर प्लान?
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात और आईजी सीआरपीएफ पवन कुमार शर्मा ने सुबह 6 बजे मौके का दौरा किया। डीजीपी ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है। प्रारंभिक जांच में ह्यूमन एरर की आशंका है, लेकिन साजिश की थ्योरी को खारिज नहीं किया जा सकता।”
गठित की गई 5 सदस्यीय जांच समिति:

अधीक्षक पुलिस (SP श्रीनगर) – अध्यक्ष
NIA इंस्पेक्टर
NSG BDS कमांडर
फोरेंसिक हेड (FSL जम्मू)
आर्मी इंटेलिजेंस ऑफिसर

संभावित कारण:

स्टोरेज में चूक: विस्फोटक को ओपन यार्ड में रखा गया, जबकि अंडरग्राउंड बंकर अनिवार्य है
सैंपलिंग प्रोटोकॉल उल्लंघन: रात में बिना एंटी-स्टैटिक उपकरण के काम
साजिश की आशंका: क्या आतंकी मॉड्यूल ने ट्रिगर मैकेनिज्म छिपाया था?

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: विपक्ष ने की CBI जांच की मांग

उमर अब्दुल्ला (NC): यह सुरक्षा चूक है। पुलिस स्टेशन में इतना विस्फोटक रखना आत्मघाती था। CBI जांच हो।
महबूबा मुफ्ती (PDP): आतंकवाद के नाम पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं। मृतकों के परिवारों को 50 लाख मुआवजा।
लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा: दोषियों पर सख्त कार्रवाई। घायलों का पूरा इलाज सरकार वहन करेगी।

व्यापक प्रभाव: आतंकी मॉड्यूल पर नई नजर
यह मॉड्यूल सफेदपोश आतंकवाद का क्लासिक उदाहरण है – डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी आतंकी फंडिंग और लॉजिस्टिक्स में शामिल। अब तक 9 गिरफ्तारियां, 3 फरार। NIA ने फरीदाबाद कनेक्शन को दिल्ली, पंजाब और हिमाचल तक ट्रेस किया है।
सुरक्षा प्रोटोकॉल में बदलाव

सभी पुलिस स्टेशनों में विस्फोटक स्टोरेज के लिए अंडरग्राउंड बंकर अनिवार्य
सैंपलिंग केवल दिन में और NSG की मौजूदगी में
फोरेंसिक टीम को एंटी-स्टैटिक किट अनिवार्य

श्रीनगर में आज हाई अलर्ट, सभी प्रवेश द्वारों पर वाहन चेकिंग। नौगाम पुलिस स्टेशन अब क्राइम सीन घोषित, 48 घंटे तक आम जनता के लिए बंद।
यह हादसा आतंकवाद से लड़ाई में सुरक्षा बलों की कीमत को रेखांकित करता है, लेकिन लापरवाही की भारी कीमत भी। जांच रिपोर्ट 7 दिन में आएगी तब तक कश्मीर की सांसें थमी रहेंगी।

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