Jhansi : सीएचसी निरीक्षण में लापरवाही उजागर, महीनों से गैरहाज़िर डॉक्टर और गंदगी के ढेर से मरीज बेहाल

Jhansi : मऊरानीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्थाओं से भरा मिला। शुक्रवार को अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, झांसी मंडल, डॉ. सुमन ने जब अचानक अस्पताल का निरीक्षण किया, तो स्वास्थ्य विभाग की जमीनी हकीकत कटु सत्य की तरह सामने आ गई।

निरीक्षण के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए एक मरीज जमीन पर बैठकर अपनी समस्या बताने को मजबूर था, दो डॉक्टर महीनों से ड्यूटी पर अनुपस्थित थे और अस्पताल परिसर में हर तरफ गंदगी का अंबार लगा था। इन स्थितियों ने न केवल स्वास्थ्य केंद्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए, बल्कि स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल भी खोल दी।

मरीज जमीन पर बैठा मिला, अधिकारी खड़ी होकर सुनती रहीं शिकायत

अचानक निरीक्षण के दौरान एक दृश्य विशेष रूप से चौंकाने वाला था। एक मरीज जमीन पर बैठकर अपनी समस्या बता रहा था, लेकिन उसे बैठने के लिए कुर्सी तक उपलब्ध नहीं थी। अधिकारी खड़ी होकर उसकी बात सुनती रहीं। यह दृश्य सीएचसी की वास्तविक स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यहां मरीजों की उपेक्षा किस स्तर पर हो रही है।

महीनों से गैरहाज़िर डॉक्टर, कार्रवाई अब तक नहीं

निरीक्षण में पता चला कि स्वास्थ्य केंद्र में तैनात दो चिकित्सक कई महीनों से लगातार ड्यूटी से गैरहाज़िर हैं। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन न तो उनकी अनुपस्थिति पर कार्रवाई कर पाया और न ही उनके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित कर सका। डॉक्टरों की लंबे समय से गैरहाजिरी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई बार उन्हें उपचार के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ जाता है।

परिसर में गंदगी का अंबार, सफाई व्यवस्था चरमराई

अस्पताल परिसर और वार्डों की हालत भी बेहद खराब पाई गई। जगह-जगह कचरे के ढेर, बदबूदार माहौल, खराब शौचालय और वार्डों में अपर्याप्त सफाई ये सब बताते हैं कि सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। मरीजों के लिए रखी जाने वाली मूलभूत सुविधाएं साफ पानी, स्वच्छ बिस्तर, व्यवस्थित वार्ड और उचित सफाई कहीं भी संतोषजनक स्तर पर नहीं मिलीं।

अधिकारी ने दिए सुधार के निर्देश

निरीक्षण के बाद अपर निदेशक डॉ. सुमन ने अस्पताल प्रशासन को तत्काल प्रभाव से सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अनुपस्थित डॉक्टरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने, सफाई व्यवस्था को सुचारु करने, मरीजों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने और अस्पताल के सभी रिकॉर्ड अपडेट रखने के लिए चेतावनी दी।

प्रबंधन की कार्यशैली पर उठे सवाल

सीएचसी मऊरानीपुर में मिली इस गंभीर लापरवाही ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केंद्र लंबे समय से अव्यवस्थित है, लेकिन किसी अधिकारी ने इसकी स्थितियों में सुधार के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। कई लोग इसे “केवल निरीक्षण तक सीमित कार्रवाई” बताते हुए कहते हैं कि निरीक्षण के बाद भी वास्तविक सुधार बहुत कम देखने को मिलता है।

जनता को इंतज़ार क्या बदलेगी तस्वीर?

अस्पताल में मिली अव्यवस्था और लापरवाही ने ग्रामीणों की उम्मीदों को फिर चोट पहुंचाई है। अब देखने वाली बात यह है कि अधिकारी के निर्देशों के बाद सुधार की प्रक्रिया सच में शुरू होगी या यह निरीक्षण भी औपचारिकता बनकर रह जाएगा।

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