
Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोक भवन में हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में सबसे पहले दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार बम विस्फोट की घोर निंदा की गई। कैबिनेट ने इसे ‘‘जघन्य आतंकवादी कृत्य’’ करार देते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई और मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई।
बैठक में कुल 15 से अधिक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से अधिकांश को मंजूरी दे दी गई। मुख्य निर्णय इस प्रकार हैं:
वृद्धावस्था पेंशन प्रक्रिया में बड़ा सुधार
वृद्धावस्था पेंशन योजना को और सरल व पारदर्शी बनाने का प्रस्ताव मंजूर। अब आवेदन से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और तेज होगी। प्रदेश में इस समय 61 लाख से अधिक बुजुर्गों को ₹1000 मासिक पेंशन मिल रही है। नए बदलाव से और अधिक पात्र लोगों को आसानी से लाभ मिलेगा।
औद्योगिक विकास को रफ्तार: प्लेज योजना में संशोधन
निजी औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा देने के लिए ‘प्लेज योजना-2023’ में महत्वपूर्ण संशोधन को हरी झंडी। अब निजी निवेशकों को स्टांप ड्यूटी में छूट, ₹2500 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड और अन्य प्रोत्साहन मिलेंगे, जिससे प्रदेश में हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी।
अशोक लीलैंड को लखनऊ में अतिरिक्त जमीन
इलेक्ट्रिक बस और कमर्शियल व्हीकल बनाने वाली कंपनी अशोक लीलैंड को लखनऊ में पहले से आवंटित 70 एकड़ जमीन के अतिरिक्त और भूमि देने का प्रस्ताव मंजूर। करीब ₹1000 करोड़ के निवेश से बनने वाला यह प्लांट जल्द ही उत्पादन शुरू करेगा। इससे यूपी इलेक्ट्रिक वाहन हब के रूप में उभरेगा।
किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: गन्ना मूल्य ₹30 प्रति क्विंटल बढ़ा
मुख्यमंत्री की हालिया घोषणा को कैबिनेट ने औपचारिक मंजूरी दे दी। 2025-26 पेराई सत्र के लिए गन्ने का राज्य सलाहकार मूल्य (SAP) ₹30 प्रति क्विंटल बढ़ाया गया। इस फैसले से प्रदेश के करीब 29 लाख गन्ना किसानों को सीधे ₹23,000 करोड़ का अतिरिक्त लाभ होगा।
किरायेदारी पट्टे पर स्टांप ड्यूटी में भारी राहत
10 साल तक की अवधि के किरायेदारी समझौतों पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में पूरी छूट। अब ₹2 लाख सालाना किराए तक के समझौते पर मात्र ₹500 का फ्लैट स्टांप शुल्क देना होगा। इससे किरायेदारों और मकान मालिकों दोनों को बड़ी राहत मिलेगी।
खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय का गठन
बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अंतर्गत अलग ‘खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय’ बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत। इससे फल-सब्जी, अनाज और दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा, निर्यात बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक के बाद कहा कि ये निर्णय प्रदेश को आत्मनिर्भर, समृद्ध और सुरक्षित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। सभी प्रस्तावों का क्रियान्वयन शीघ्र शुरू किया जाएगा।










