Lakhimpur Kheri : तिरंगा यात्रा ड्यूटी पर जा रहीं आशा बहुओं के साथ हुआ हादसा, एक की मौत, दो घायल

Isanagar, Lakhimpur Kheri : सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित तिरंगा यात्रा में ड्यूटी के लिए जा रही आशा बहुएं गुरुवार को भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गईं। खमरिया थाना क्षेत्र के नेशनल हाइवे-730 पर दो ई-रिक्शा की आमने-सामने टक्कर में एक आशा कार्यकर्त्री की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य आशाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं।

गुरुवार को रेहुआ चौराहे से महरिया के एक निजी स्कूल तक तिरंगा यात्रा निकाली जानी थी। इस कार्यक्रम में सीएचसी खमरिया द्वारा आशा कार्यकर्त्रियों की ड्यूटी लगाई गई थी। कटौली क्षेत्र की आशाएं ई-रिक्शा में सवार होकर कार्यक्रम स्थल की ओर जा रही थीं। तभी नेशनल हाइवे-730 पर रेहुआ के निकट उनका ई-रिक्शा सामने से आ रहे दूसरे ई-रिक्शा से टकरा गया। टक्कर इतनी तेज थी कि एक रिक्शा पलट गया और उसमें बैठी आशाएं नीचे दब गईं।

हादसे में नारीबेहड़ गांव निवासी आशा मिश्रा 55 पत्नी राधेश्याम मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नारीबेहड़ निवासी मंजू देवी 45 पत्नी जसवंत और मिर्जापुर निवासी शांति देवी 46 पत्नी प्रह्लाद गंभीर रूप से घायल हो गईं।

सूचना मिलने के काफी देर बाद पहुंची एंबुलेंस की मदद से तीनों को खमरिया सीएचसी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने आशा मिश्रा को मृत घोषित कर दिया। घायल मंजू देवी और शांति देवी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सूचना पाकर कुछ देर बाद खमरिया पुलिस सीएचसी पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू की।

सीएचसी में हंगामा कार्रवाई की मांग पर अड़ीं आशाएं
हादसे की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में संगिनी और आशा कार्यकर्त्रियां खमरिया सीएचसी पहुंच गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि तिरंगा यात्रा में उन्हें केवल भीड़ बढ़ाने के लिए ड्यूटी पर लगाया गया था। आशाओं ने सीएचसी अधीक्षक डॉ. अमित सिंह और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। साथ ही उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए।
स्थिति बिगड़ती देख विधायक विनोद शंकर अवस्थी, एसडीएम लक्ष्मीकांत मणि, डिप्टी सीएमओ डॉ. अमितेश द्विवेदी और भाजपा नेता अनुपम अवस्थी मौके पर पहुंचे। हालात नियंत्रण में लाने के लिए खमरिया और ईसानगर थानों की पुलिस भी बुलाई गई।

परिजन और आशाएं दोषियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। हंगामे के बीच शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजना पुलिस के लिए चुनौती बन गया। बाद में विधायक और एसडीएम ने पीड़ित परिवार को शासकीय सहायता और जमीन का पट्टा देने का आश्वासन दिया तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके बाद परिजन और उपस्थित आशाएं किसी तरह शांत हुईं।

डिप्टी सीएमओ डॉ. अमितेश द्विवेदी ने घटना की जांच कर सीएचसी अधीक्षक और संबंधित स्टाफ के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन दिया। देर शाम पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
उपस्थित कुछ संगिनी और आशा कार्यकर्त्रियों ने आरोप लगाया कि इतने बड़े हादसे के बाद भी पुलिस पोस्टमार्टम कराने के लिए परिजनों पर दबाव बना रही थी, जिससे आक्रोश और बढ़ गया।

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