यूरोप में आशियाना बनाना चाहती थी डॉक्टर शाहीन…ऊंची ख्वाहिशों ने तोड़ा परिवार

शाहीन की ऊंची ख्वाहिशों ने तोड़ा परिवार
यूरोप में आशियाना बनाना चाहती थी डॉक्टर

  • पूर्व शौहर ने शाहीन की जिंदगी की किताब खोली
  • बुर्का पहनना पसंद नहीं था, खुले विचार रखती थी
  • तलाक के बाद शौहर डॉ. जफर से नहीं हुई बात

कानपुर। दिल्ली धमाके के बाद आतंकी कनेक्शन की हिस्सेदार डॉ. शाहीन के पूर्व शौहर ने उसकी जिंदगी के पुराने पन्नों को पलटकर तमाम किस्से-कहानियों को सुनाया। लब्बोलुआब यह कि, डॉ. शाहीन सईद की ऊंची ख्वाहिशों के कारण खिलखिलाता परिवार टूटा था। हैसियत से बड़े सपनों ने उसे गलत राह पर पहुंचा दिया। ख्वाहिशों को हासिल करने के लिए शाहीन ने शादीशुदा जिंदगी को तलाक देकर आतंकी संगठन से नाता जोड़ने से गुरेज नहीं किया। शाहीन के तलाकशुदा पति डॉ. हयात जफर का कहना है वह विदेश चली गई, फिर लौटकर नहीं आई और तलाक हो गया। उधर, जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की कमांडर डॉ. शाहीन के कानपुर कनेक्शन के सामने आने के बाद पुलिस ने अनवरगंज, बजरिया, चमनगंज और कर्नलगंज में संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त नौ अपराधियों और हिस्ट्रीशीटरों को कुछ घंटे की हिरासत में लेकर सवाल-जवाब करने के बाद हिदायत के साथ छोड़ा है। एटीएस टीम ने कानपुर मेडिकल कॉलेज से डॉ. शाहीन से जुड़ी जानकारियां जुटाईं हैं। एटीएस ने जांच के सिलसिले में डॉ. जफर हयात से भी सवाल-जवाब किये हैं।

लग्जरी लाइफस्टाइल की शौकीन थी शाहीन

शाहीन के तलाकशुदा शौहर डॉ. जफर फिलवक्त केपीएम अस्पताल में बतौर नेत्र सर्जन तैनात हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में साथ छोड़कर जाने के बाद शाहीन ने कोई संपर्क नहीं रखा तो वर्ष 2015 में शरीयत के लिहाज से तलाक लिया था। उन्होंने दावा किया, बीते 12 साल से शाहीन से किसी किस्म की कोई बातचीत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि शाहीन की महत्वाकांक्षा बहुत अधिक थी। वह हमेशा बेहतर लाइफस्टाइल जीने की आदी थी। डॉ. हयात जफर ने बताया कि डॉ. शाहीन की विदेश में बसने की ऊंची ख्वाहिशें उनके तलाक का कारण बनीं। शाहीन की इच्छा थी कि, किसी यूरोपियन देश में उसका आशियाना होना चाहिए। इस वास्ते वह अक्सर पति पर दबाव बनाती थी। शाहीन की जिद के जवाब में जफर कहते थे कि यहां सब कुछ तो अपना है। रिश्तेदार हैं, दोस्त हैं और खुशहाल जिंदगी है। अपना देश अपना है, यह सब विदेश में नहीं मिलेगा। वह बताते हैं कि परिवार में लड़ाई-झगड़ा नहीं होता रहा है, सिर्फ सोच अलग थी।

लव मैरिज नहीं थी, बुर्का से परहेज था
डॉ. जफर का दावा है कि, शाहीन ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज वर्ष 2006 में ज्वाइन किया तो उस वक्त वह शहर में प्रैक्टिस किया करते थे। इसी दरमियान मुलाकात हुई और कुछ दिन बाद दोनों के परिवार ने अरैंज मैरिज कराई थी। सात साल दो महीने में ही दोनों का तलाक हो गया था। जफर के मुताबिक, शाहीन ने कभी बुर्का नहीं पहना और धार्मिक बंदिश भी स्वीकार नहीं थी। जांच में सामने आया कि लखनऊ की डॉक्टर शाहीन सईद होनहार छात्रा थी। क्लास की टॉपर थीं। वह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर आई थी। डॉ. जफर ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं, जो साथ रहते हैं। डॉ. शाहीन ने कभी भी अपने बच्चों से बात करने का प्रयास नहीं किया।

एटीएस खोज रही शाहीन के संपर्क
फिलहाल पुलिस और एटीएस टीम शाहीन के पुराने संपर्कों और ठिकानों की तलाश में जुटी है। डॉ. शाहीन के मामले में एटीएस टीम ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षकों से संबंधित सेक्शन में जाकर अभिलेख देखे। इसके बाद शाहीन का नियुक्ति पत्र और दूसरे अभिलेख अपने साथ ले गई। एटीएस टीम ने कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला समेत अन्य अधिकारियों से भी सवाल किये। प्राचार्य डॉ. काला ने डॉ. शाहीन की फाइल को मंगवाकर देखा। इस मौके पर मौजूद चिकित्सा शिक्षकों का कहना था कि चर्चा थी कि, अचानक नौकरी छोड़ने के बाद शाहीन खाड़ी देश सऊदी या कुवैत चली गई थी। बर्खास्तगी के बाद शाहीन का अनुभव प्रमाणपत्र के लिए आवेदन आया, तो पता चला कि अभी लखनऊ में है। कानपुर में तैनाती के दौरान डॉ. शाहीन का मिजाज गंभीर था, सीनियर होने की वजह से विभागाध्यक्ष भी रही। निजी जीवन में विवाद के कारण तलाक की नौबत आई। फार्माकोलॉजी विभाग के चिकित्सा शिक्षक डॉ. शाहीन के संबंध में कुछ पूछने पर चुप्पी साध लेते रहे। गौरतलब है कि, वर्ष 2021 में डॉ. शाहीन समेत पांच और चिकित्सा शिक्षक बर्खास्त हुए थे। शाहीन के अलावा अन्य चार डॉक्टर्स ने भी बिना सूचना नौकरी छोड़ी और नोटिसों का जवाब नहीं दिया।

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