
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पर अब कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी की करीबी वैशाखी बनर्जी ने तीखा तंज कसा है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत में वैशाखी ने कहा कि पहले जब पत्नी थीं, तब अर्पिता मुखर्जी को भांजी बताया जाता था, और अब जब पत्नी नहीं हैं, तो उन्हें प्रेमिका कहा जा रहा है। वाह, कितनी जल्दी पहचान बदल जाती है!
वैशाखी ने पार्थ चटर्जी पर यह आरोप लगाया कि वे अब “संत” बनने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि पहले उन्हीं के बयानों ने इस पूरे रिश्ते को लेकर भ्रम फैलाया था। उन्होंने कहा कि पहले पार्थ अपने संबंधों को छिपाने में लगे थे, लेकिन अब खुलेआम उन्हें स्वीकार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के रिश्ते को लेकर पिछले ढाई से तीन वर्षों से लगातार विवाद बना हुआ है। कभी दोनों को प्रेमी-प्रेमिका कहा गया, तो कभी “काका-भांजी” या “मामा-भांजी” के रूप में चर्चा हुई। गिरफ्तारी के बाद पार्थ चटर्जी ने अर्पिता से किसी भी संबंध से इनकार किया था और दावा किया था कि वे उन्हें “सही तरह से जानते तक नहीं हैं।” लेकिन जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने अचानक अर्पिता को अपनी “मित्र” बताया, जिस पर वैशाखी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि अब साधु बनकर प्रेमिका स्वीकार कर रहे हैं।
वैशाखी ने आगे कहा कि शोभन चटर्जी ने अपनी प्रेमिका के लिए पद छोड़ दिया था, जबकि पार्थ चटर्जी ने अपनी प्रेमिका के घर में धन इकट्ठा किया। यही असली फर्क है।
उन्होंने कहा कि पार्थ “अच्छे इंसान नहीं बन पाए, लेकिन इतने वर्षों में वे पुरुष तो बन ही गए। इसके लिए उन्हें बधाई दी जानी चाहिए।”
पूर्व शिक्षिका वैशाखी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि पार्थ ने अपने एलआईसी आवेदन पत्र में अर्पिता को ‘भांजी’ के रूप में उल्लेख किया था। लगता है जेल में जाकर उन्होंने खुद को सुधार लिया है। अब वे ‘मित्र’ बन गए हैं। इंसान न सही, पुरुष बनने के लिए उन्हें संघर्षशील बधाई।















